Translate


Home » जोधपुर » माध्यमिक शिक्षा विभाग की रिव्यू खारिज

माध्यमिक शिक्षा विभाग की रिव्यू खारिज

Facebook
Twitter
WhatsApp
Telegram
54 Views
मधुहीर राजस्थान

जोधपुर। राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण जयपुर पीठ जोधपुर ने माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रस्तुत रिव्यू प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए अधिकरण द्वारा पूर्व में पारित निर्णय को वैध एवं विधि सम्मत होना निर्णित किया है। दरअसल माध्यमिक शिक्षा विभाग बीकानेर में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत पूर्ण प्रकाश सोलंकी ने एक अपील वर्ष 2013 में अधिकरण के समक्ष इस बाबत् प्रस्तुत की थी कि शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2013-2014 की रिक्तियों के विरूद्ध उससे कनिष्ठ कर्मचारियों को कनिष्ठ लिपिक के पद पर पदोन्नति प्रदान कर दी गई थी। पूर्ण प्रकाश का नाम विभाग द्वारा जारी वरिष्ठता सूची में अन्य कर्मचारियों से वरिष्ठ था लेकिन उसे पदोन्नति प्रदान नहीं की गई एवं उससे कनिष्ठ कार्मिकों को पदोन्नति का लाभ प्रदान कर दिया गया। इस याचिका पर अधिकरण द्वारा माध्यमिक शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किए व विभाग द्वारा जबाब प्रस्तुत करने पर विभाग को पदोन्नति संबंधित सभी रिकॉर्ड पेश करने के कई अवसर दिए गए। इसके बाद भी विभाग द्वारा कोई दस्तावेज पेश नहीं किए गए। शिक्षा विभाग द्वारा किसी तरह का रिकॉर्ड पेश नहीं करने पर अधिकरण ने 28 जनवरी 2020 को प्रार्थी के पक्ष में फैसला करते हुए उससे कनिष्ठ कर्मचारियों को जब से पदोन्नति प्रदान की गई उसी दिन से प्रार्थी को भी पदोन्नत करने का आदेश पारित किया। अधिकरण के आदेश के नौ माह पश्चात् विभाग द्वारा एक रिव्यू याचिका अधिकरण के समक्ष यह कहते हुए प्रस्तुत की गई थी कि विभाग द्वारा प्रार्थी से कनिष्ठ व्यक्तियों को जो पदोन्नति दी गयी है उसे वापस प्रतिहारित कर लिया गया है लेकिन उन प्रत्यहारित करने आदेशों को इस रिव्यू के साथ प्रस्तुत नहीं किया गया। इस रिव्यू याचिका के लम्बित रहते हुए ही वर्ष 2022 में ही प्रार्थी की मृत्यु हो गई व उसके विधिक उत्तराधिकारान को रिकॉर्ड पर लिया गया।
पूर्ण प्रकाश के विधिक उत्तराधिकारी की ओर से अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा ने तर्क दिया कि प्रथमतया: माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रस्तुत रिव्यू म्याद बार है। रिव्यू प्रार्थना पत्र 270 दिन की देरी से प्रस्तुत किया गया है जबकि रिव्यू प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की अवधि मात्र तीस दिन है। जो नियम 6(5) में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है। दूसरा तर्क यहं भी था कि विभाग को अपील निर्णित करते समय अधिकरण द्वारा पुन: अवसर देने के बाद भी विभाग द्वारा कोई दस्तावेज अधिकरण के समक्ष प्रस्तुत नहीं किए गए और ना ही रिव्यू प्रार्थना पत्र के संबंधित कोई नए दस्तावेज प्रस्तुत किए। रिव्यू प्रार्थना पत्र केवल अवमानना याचिका में अधिकरण के पूर्व के पारित आदेश को नजरअंदाज करने के लिए प्रस्तुत किया गया है। सुनवाई के बाद अधिकरण ने माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तुत रिव्यू प्रार्थना पत्र को इस आधार पर ही खारिज किया कि रिव्यू में प्रथम दृष्टतया कोई हस्तक्षेप करने का आधार नहीं है एवं प्रस्तुत रिव्यू प्रार्थना पत्र म्याद बाहर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Poll

क्या आप \"madhuheerrajasthan\" की खबरों से संतुष्ट हैं?

weather

NEW YORK WEATHER

राजस्थान के जिले