मधुहीर राजस्थान
जोधपुर। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय में यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट, पीजीआईए, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ होम्योपैथीके सहयोग से सभी संकाय सदस्यों के लिए छह दिवसीय फैकल्टी रि-ओरिएंटेशन कार्यक्रम के आयोजन के अंतर्गत बुधवार को एनएबीएच नई दिल्ली की उपनिदेशक डॉ.काशिपा ने एनएबीएच- मान्यता मानकों के कार्यान्वयन में कठिनाइयां विषय पर व्याख्यान दिया।
डॉ.काशिपा ने बताया कि एनएबीएच मानकीकरण अस्पताल की चिकित्सकीय गुणवत्ता एवं मरीजों को मिलने वाली बेहतर सुविधाओं का प्रमाण हैं। अस्पताल को राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स द्वारा निर्धारित प्रत्यायन मानकों का कार्यान्वयन एक चुनौती वाला काम है जिसमें प्रशिक्षित और योग्य स्टाफ, प्रशिक्षण और जागरूकता, गुणवत्ता सुधार और मानकीकरण के प्रति प्रतिबद्धता की कमी, दस्तावेज़ीकरण, आवश्यक आधारभूत संरचना जैसी कई कठिनाई आती है।
दूसरे सत्र में डॉ. काशिपा ने आने वाली सभी समस्याओं के समाधान पर प्रकाश डाला। अंत में उन्होंने कहा कि इन कठिनाइयों के बावजूद एनएबीएच प्रत्यायन मानकों का अनुपालन स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उचित योजना, प्रशिक्षण, और संसाधनों के माध्यम से इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में योग नेचुरोपैथी के प्राचार्य डॉ. चंद्रभान शर्मा द्वारा चक्र ध्यान का अभ्यास करवाया गया। सीएचआरडी निदेशक डॉ. राकेश शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम के प्रारंभ में रिसोर्स पर्सन डॉ. काशिपा का कुलसचिव प्रोफेसर गोविंद सहाय शुक्ल ने स्वागत अभिनंदन किया। इस अवसर पर प्राचार्य प्रोफेसर महेंद्र शर्मा, प्रोफेसर चंदन सिंह, प्रोफेसर गोविंद गुप्ता, चिकित्सालय अधीक्षक प्रोफेसर प्रमोद मिश्रा, डीन रिसर्च डॉ. देवेन्द्र चाहर, डॉ. गौरव नागर आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनाली त्यागी ने किया।
