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राजस्थान हाइकोर्ट के न्यायाधीश रेखा बोराणा जी एकलपीठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अंतरिम आदेश

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चैक अनादरण की आरोपी महिला को 6 .93 लाख रूपए जुर्माना व 06 माह की सजा

मधुहीर राजस्थान

जोधपुर। चैक अनादरण के एक मामले में कोर्ट ने आरोपी महिला को 6 .93 लाख रूपए जुर्माना व 06 माह की सजा सुनाई। न्यायालय में राजीनामा कर बाद में आरोपी महिला मुकर गई। महानगर मजिस्ट्रेट विशिष्ट न्यायालय (एन.आई.एक्ट प्रकरण,) जोधपुर मजिस्ट्रेट पीठासीन अधिकारी दीपिका रामावत ने चैक बाउंस के प्रकरण में आरेापी महिला पूनम ललवानी उर्फ पूनम पोहानी को चैक अनादरण के प्रकरण में फैसला सुनाते हुए आरोपी महिला को दोषसिद्ध मानते हुए 6,93,000 रूपए का अर्थदण्ड जुर्माना अदा करने का आदेश दिया एवं 06 माह के कारावास की सजा सुनाने का आदेश प्रदान किया। परिवादी मनीष व्यास ने अपने अधिवक्ता जहीर अब्बास, उम्मेद अली मेहर, मोहम्मद अलताफ के मार्फत न्यायालय में एक परिवाद पूनम लालवानी उर्फ पूनम पोहानी के विरूद्ध प्रस्तुत कर न्यायालय को बताया कि पूनम ललवानी के विरूद्ध मनीष व्यास ने एक चैक अनादरण का मुकदमा विशिष्ट न्यायालय संख्या 03 में कर रखा था तथा मनीष व्यास पूनम ललवानी में 4,50,000  रूपये माँगता है। जिसमें पूनम पोहानी ने न्यायालय में उधार राशि को स्वीकार करते हुए मनीष व्यास को उधार राशि अदा करने के लिए राजीनामा करते हुए मनीष व्यास को 4,50,000 रूपए के कुल 06 चैक अपनी फर्म ग्लेमर ब्यूटी पार्लर के प्रोपराइटर की हैसियत से अदा किये एवं न्यायालय में लिखित में राजीनामा दिया एवं मनीष व्यास को झांसे में लेकर चैक अनादरण का मुकदमा विड्रो करवा दिया। उसके बाद मनीष व्यास ने जब राजीनामा राशि की माँग की तो पूनम अपना एड्रेस बदल कर अन्य स्थान पर शिफ्ट हो गई। चैक राशि अदा करने से मना कर दिया, जिस पर चैक बाउंस होने पर मनीष व्यास ने न्यायालय में पुन: परिवाद पेश किया। मनीष व्यास के अधिवक्ता जहीर अब्बास ने न्यायालय में यह तर्क प्रस्तुत किया कि आरोपी महिला पूनम ललवानी कई चैक बाउंस के मुकदमों की आरोपी है।

लोगों से पैसा उधार लेकर वापस नहीं लौटाती एवं चैक देकर बाउंस करवा देती है तथा परिवादी को न्यायालय के सालों चक्कर लगवाती है तथा बार-बार अपने निवास स्थान एड्रेस, घर बदल लेती है तथा मनीष व्यास को चैक देने के बाद भी आरोपी महिला ने अपने आधार कार्ड, पेनकार्ड में नाम परिवर्तन कर लिया, बैंक खाता बदल लिया और इसकी सूचना मनीष व्यास को नहीं दी तथा पूर्व में किये गये राजीनामा से भी मुकर गई तथा पिछले 10 सालों से मनीष व्यास को पैसा देने से इंकार कर रही है तथा न्यायालय के चक्कर लगवा रही है तथा जहीर अब्बास ने जिरह में आरोपी महिला पूनम ललवानी से सवाल किये तो जिरह में यह साबित किया कि आरोपी महिला ने अपने बार-बार एड्रेस बदल लिये, नाम बदल लिये, बैंक खाता बदल लिये। अधिवक्ता का यह तर्क दिया कि यह महिला धोखा देने के लिए तथा वारण्ट से बचने के लिए ऐसा करती है तथा लोगों के साथ धोखाधड़ी करती है। जबकि पूनम के अधिवक्ता ने यह तर्क दिया कि चैक सिक्योरिटी पेटे दिये गये थे तथा मनीष व्यास को आंशिक भुगतान अदा कर दिया गया जिसे न्यायालय ने नहीं माना और माननीय न्यायालय ने परिवादी अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी महिला पूनम ललवानी को चैक बाउंस के मामले में दोषसिद्ध पाया और पूनम ललवानी को 6,96,000  रूपए जुर्माना जमा कराने के अर्थदण्ड की सूचना सुनाई जो अर्थदण्ड परिवादी को अदा करने का आदेश दिया तथा 06 माह के कारावास सुनाने का आदेश प्रदान कर फैसला सुनाया। के्र डिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर ठगी : पुलिस ने रिफंड करवाए 25 हजार जोधप। जिले ग्रामीण पुलिस ने धोखाधड़ी के शिकार एक व्यक्ति को उसके 25 हजार रूपए रिफंड करवाए है। उससे के्रडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर धोखाधड़ी की गई थी। ग्रामीण पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि परिवादी ओसियां निवासी अभिषेक से के्र डिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर शातिर ने 25 हजार निकाल लिए। इस पर उसने 1930 पर शिकायत दर्ज करवाई, जिस पर त्वरित कार्यवाही करते साइबर सैल, जोधपुर ग्रामीण द्वारा पूर्ण राशि 25 हजार परिवादी को रिफण्ड करवाने में सफलता प्राप्त की हैं।

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