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भाद्राजून की प्राचीन बावड़ी के सौन्द्रर्यकरण व रखरवाव का कार्य एक वर्ष से बंद

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मरम्मत कार्य के लिए अधिकारियों की टीम ने लिया था जायजा था। केवल बावड़ी की चार दीवारी के बाद कार्य हुआ बंद। कार्ययोजना के तहत होने थे विभिन्न कार्य।

पीएम एम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में किया था जिक्र

मधुहीर राजस्थान

जालोर(भाद्राजून)। कस्बे स्थित प्राचीन बावड़ी वर्तमान में बदहाली का शिकार है।
जलशक्ति अभियान के दौरान केंद्रीय टीम द्वारा निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों को आस थी कि वर्षों से नजरअंदाजी की शिकार यह बावड़ी .अब न केवल निखर उठेगी, बल्कि पूर्व की भांति जलस्रोत के रूप में काम भी आएगी।
पूर्व में ग्रामीणों के लिए पेयजल की मुख्य स्रोत थी। आज भी इस बावड़ी में पानी की उपलब्धता सालभर रहती है, लेकिन साफ सफाई के अभाव में यह अनुपयोगी ही साबित हो रही है। ग्रामीणों ने इस ऐतिहासिक जलस्त्रोत के रख रखाव हेतू कई बार मुहिम चालाई थी।

बावड़ी के मरम्मत कार्य व सौन्द्रर्यकरण हेतु विशेष कार्ययोजना बनाई

इसके बाद 10 जुलाई 2021 को पंचायत समिति आहोर से जेईएन समेत टीम सदस्यों द्वारा बावड़ी के मरम्मत कार्य व सौन्द्रर्यकरण हेतु विशेष कार्ययोजना बनाई गई। साथ ही स्थानीय ग्रामीणों को जल्द ही बावड़ी के कार्य शुरू होने की बात कही। उपस्थित तत्कालीन जेईएन ने कहा था कि विकास अधिकारी के आदेशानुसार बावड़ी के मरम्मत कार्य के लिए निरक्षण कर कार्ययोजना बनाई गई हैं। जिसमें बावड़ी के अन्दर की जर्जर दीवारों का कार्य, पानी के रिसाव को बंद का प्लास्टर करना, बावड़ी के चारो तरफ उपरी दीवार को रिपेयर कर सौन्द्रर्यकरण हेतू रंग करना, बावड़ी के छात की मरम्मर, व बावड़ी के पास नहर के अन्दर पत्थर व झाडियां को हटाना व मरम्मत करना आदि कार्य की रूपरेखा बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजा गया था। जिसके बाद कार्य शुरू भी हो चुका था। लेकिन प्राचीन बावड़ी के उपरी दीवार की मरम्मत कार्य होने के बाद अन्य कार्य नहीं हुए वहीं कार्य को बंद किया गया।

बावड़ी की जर्जर अवस्था, पानी हुआ दुषित

वर्तमान में इस बावड़ी के जल में कचरा भर गया हैं। महाशिवरात्रि व अन्य पर्वो पर शिवमंदिर दर्शनार्थ जब लोग पास से गुजरे तब श्रद्धालुओं को बावड़ी के अन्दर पानी की बदबू आने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बावड़ी के रखरखाव हेतु ग्रामीणों ने कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया। वही ग्रामीणों ने अपने स्तर पर भी सफाई अभियान चलाकर सफाई की गई। लेकिन बावड़ी के दिवारों की जर्जर अवस्था होने के कारण मलबा व अन्य कचरा जल में गिरने से पानी बिल्कुल दुषित हो चुका हैं।

पर्यटन स्थल में महत्वपूर्ण

राजस्थान में एकमात्र दिल के आकार की बावडी होने के कारण पूर्व में पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में भी इस बावड़ी के रखरखाव व साफ सफाई के लिए जिक्र किया था। साथ ही देसी विदेसी पर्यटक भी इस बावड़ी को देखने आते है।

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