मधुहीर राजस्थान
जैसलमेर। ज़िले के देगराय शक्तिपीठ के प्रांगण में आयोजित चार दिवसीय क्षत्रिय कर्मचारी शिविर का बुधवार को समापन हुआ।क्षत्रिय कर्मचारी वर्ग के इस प्रशिक्षण शिविर में विगत तीन दिन से कर्मचारी राजपूत जीवन चरित्र,मौलिक जीवन व्यवहार का प्रशिक्षण ले रहे थे। शिविर समापन से पूर्व सभी ने अपने अनुभव साझा किए कि यह शिविर हमारे जीवन में जागरण की एक नई किरण ले आया है। हम नासमझी में ही गफ़लत का जीवन जी रहे थे,यहाँ हमें सजगता प्राप्त हुई। सभी ने यह विश्वास जताया कि अब भविष्य में इस प्रकार के प्रशिक्षण में हम निरंतर आते रहेंगे। शिविर में दो दिन तक श्री क्षत्रिय युवक संघ के संघ प्रमुख लक्ष्मण सिंह बैन्याकाबास का सामीप्य प्राप्त हुआ। उन्होंने स्वयंसेवकों से वार्ता करते हुए कहा कि चार दिन तक यहाँ प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद हमें ऐसा लगता होगा कि इतने दिन आलस्य,प्रमाद आदि दुर्गुणों में मैंने जीवन का समय बर्बाद कर दिया लेकिन अब यहाँ से जाते ही मेरे जीवन में क्रांति लाऊँगा।
ऐसा तभी संभव होगा जब हम अनवरत रूप से इस यज्ञ में आहुति देते रहेंगे और लगातार संपर्क में रहेंगे अन्यथा हमारा यह मशानियाँ वैराग्य कुछ घड़ी में ही बुझ जाएगा। शिविर संचालक प्रेम सिंह रणधा ने सभी के भाल पर तिलक लगाकर इस भलावन के साथ विदाई दी कि भविष्य में लगते वाले इस प्रकार के मेलों में आते रहना। पूज्य तनसिंह जी के सपनों को साकार करने का भार हमारे ही कंधों पर है। हम समाज के सक्षम लोग है तो हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। इसलिए हर समय जागृत रहें, भटकें नहीं। शिविर समापन के अवसर पर क्षत्रिय कर्मचारी – अधिकारी संवाद का कार्यक्रम हुआ। जिसमें ज़िले के राजपूत अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने भाग लिया।सभी ने अपने अपने कार्यक्षेत्र के सामाजिक अनुभव साझा किए और हमेशा समाज कार्य में अग्रणी रहने की बात की। समाज के लिए सरकारी कार्ययोजनाओं की सुलभता के लिए संवाद हुआ। परिचय के साथ शुरू हुए इस संवाद कार्यक्रम में अपनत्व की अनूठी झलक देखने को मिली। कार्यक्रम में केंद्रीय कार्यकारी तारेंद्र सिंह नयाली,संभाग प्रमुख गणपत सिंह अवाय के साथ संभाग के सभी स्वयंसेवक उपस्थित रहे। गुरुवार को इसी प्रांगण में सामाजिक सहयोगियों का स्नेह मिलन आयोजित होगा।
