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गाय का सम्मान अर्थात भारतीय संस्कृति का सम्मान

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नई पीढ़ी को गौ सेवा के प्रति प्रेरित करने का लिया संकल्प

मधुहीर राजस्थान

जोधपुर। जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की प्रोफेसर और जोधपुर के सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन मरुधरा लोक कला संगीत एवं सेवा संस्थान की अध्यक्ष डॉ स्वाति शर्मा का कहना है कि,गायों की सेवा करना हम सभी को संस्कारों, परंपराओं और पीढ़ियों से सीखने को मिला है, गायों की सेवा और सम्मान करने का अर्थ यही होता है कि यह अपनी भारतीय संस्कृति का सम्मान कर रहे हैं, यदि हम गौ सेवा के प्रति समर्पित भाव रखेंगे तो आने वाली पीढ़ियां भी गौ संरक्षण में अपनी सेवा की आहुति दे सकेगी। प्रोफेसर डॉ स्वाति शर्मा जोधपुर नागौर रोड पर स्थित गौ लोक महातीर्थ और विश्व स्तरीय गौशाला का मरुधरा लोक कला संगीत सेवा संस्थान की टीम के साथ अवलोकन और गौ सेवा करने के बाद संबोधित कर रही थी,उन्होंने बताया कि, नागौर रोड स्थित गौ लोक महातीर्थ और विश्व स्तरीयगौशाला में जिस तरह श्री श्री 1008 महामण्डलेश्वर स्वामी कुशाल गिरी महाराज के नेतृत्व में पूरी टीम गायों की सेवा कर रही है यह अपने आप में पूरी दुनिया में अनूठा नवाचार और उदाहरण है यहां से सभी को प्रेरणा लेने की जरूरत है।हिन्दू धर्म में भी गाय का विशेष महत्व हैं गाय को भगवान का स्थान दिया जाता हैं। गौ माता में देवी और देवताओ का वास होता हैं इसलिए गाय को गाय माता कहा जाता हैं। गाय की पूजा की जाती हैं गाय की सेवा करने से हमें बहुत पुण्य प्राप्त होता हैं। गाय को कामधेनु कहा गया हैं भारतीय संस्कृति में गाय पूजनीय हैं।

गाय का सम्मान करने का मतलब हमारी भारतीय संस्कृति का सम्मान करना हैं। इस दौरान मरुधरा लोक कला एवं संगीत सेवा संस्थान की टीम में सुरभि शर्मा, डिंपल गौड़, स्वाति दीपक शर्मा,अनीता गहलोत,देवयानी पवार,मालविका चावड़ा,इना चौहान,श्रेया दवे,रुद्राक्षी कौशिश,श्रेयान शर्मा, मृदुल शर्मा,हर्षवर्धन पवार,कुणाल पवार और आनंद कौर पुरोहित ने भी गायों की बढ़ चढ़कर सेवा की। मरुधरा लोक कला एवं संगीत सेवा संस्थान की उपाध्यक्ष सुरभि शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि, हमारे संगठन ने समाज सेवा और कला संस्कृति के क्षेत्र में जब से कार्य करने का संकल्प लिया है तब से पूरी निष्ठा के साथ नई पीढ़ी को नवाचार से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं इसीलिए यह संकल्प लिया है कि नई पीढ़ी को गौ सेवा के प्रति प्रेरित करेंगे और नियमित रूप से प्रति सप्ताह अपने साथ बच्चों को भी गायों की सेवा से जोड़ेंगे जिससे आने वाली पीढ़ियां गायों का संरक्षण कर सके, यही नहीं,हिन्दू शास्त्र के अनुसार गाय माता के चरणों में तीर्थ स्थान होता हैं।

गाय को हर तरीके से सुख प्रदान करने वाली माना गया हैं। गाय की सेवा करने वाला व्यक्ति सुख, समृद्धि और उन्नति प्राप्त करता हैं। स्वस्थ शरीर को ही सबसे बड़ा धन माना गया हैं। संस्थान की कोषाध्यक्ष डिंपल गौड़ ने बताया कि,गौ माता की सेवा करने से कई बीमारियों दूर होती हैं और हमें स्वास्थ्य लाभ मिलता हैं। गाय का दूध ही हमें स्वस्थ बनाता हैं। गाय का दूध बच्चों के लिए बेहद जरूरी होता हैं। गाय के दूध को बच्चो के लिए वरदान माना गया हैं इसलिए हमें गाय के दूध का प्रतिदिन सेवन करना चाहिए और गाय की सेवा करनी चाहिए। संस्थान से जुड़ी स्वाति दीपक शर्मा,देवयानी पवार और अनीता गहलोत ने बताया कि,गाय की रक्षा करना भी हमारे लिए सबसे बड़ा धर्म हैं। हमे गाय के प्रति सेवा और प्रेम के भाव रखने चाहिए। यदि गाय की रक्षा होगी तो हम और हमारा परिवार भी सुरक्षित रह पाएगा।

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