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मधुहीर राजस्थान
जोधपुर। मरूधरा इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ने आज राज्य विधानसभा में उपमुख्यमंत्री श्रीमती दियाकुमारी द्वारा पेश राज्य बजट 2024-25 को राज्य के उद्योग एवं व्यापार के लिये बेहद निराशाजनक बताया।
जोधपुर। मरूधरा इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ने आज राज्य विधानसभा में उपमुख्यमंत्री श्रीमती दियाकुमारी द्वारा पेश राज्य बजट 2024-25 को राज्य के उद्योग एवं व्यापार के लिये बेहद निराशाजनक बताया।
एमआईए के अध्यक्ष दिलीप सोनी एवं सचिव संजय छाजेड़ ने बताया कि उप मुख्यमंत्री द्वारा पेश बजट में मंदी के दौर से गुजर रहे राज्य के उद्योग एवं व्यापार जगत को राहत प्रदान नहीं करना निराशाजनक है। उम्मीद थी कि राज्य सरकार द्वारा राज्य जीएसटी की दरों में कमी कर राज्य के उद्योग एवं व्यापार को राहत प्रदान की जायेगी, लेकिन ऐसा नहीं करना राज्य के उद्योगों एवं व्यापारियों के लिए निराशाजनक है। बढती महंगाई पर लगाम लगाने हेतु पेट्रोल एवं डीजल पर टेक्स कम किये जाने की आशा थी लेकिन ऐसा नहीं करने से उद्यमियों एवं आमजन को निराशा हुई है।
मंदी के दौर से गुजर रहे ग्वार/ग्वार गम आधारित उद्योगों पर कृषि मण्डी टेक्स की दर 1.5 प्रतिशत (1 प्रतिशत मंडी टैक्स .5 कृषि मंडी सेस) को पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर कृषि मण्डी टेक्स में छूट दिये जाने की उम्मीद थी ताकि प्रदेश के उद्योग प्रतिस्पर्धा में टिक सके, लेकिन उस ओर ध्यान नहीं देने से ग्वार/ग्वार गम उद्योगों को हताशा हुई है।
जोधपुर सहित पाली, बालोतरा एवं भीलवाड़ा इत्यादि में वस्त्र उद्योगों के विकास एवं विस्तार की विपुल संभावनाओं को देखते हुए इन उद्योगों से निष्कासित होने वाले पानी के परिशोधन हेतु मौजूदा सीईटीपी के उन्नयन एवं सुदृढीकरण हेतु बजट आवंटित किये जाने की दरकार थी लेकिन राज्य बजट में इसका कहीं भी जिक्र नहीं करने से टेक्सटाईल्स उद्योगों को हताशा हुई है।
एमआईए के पूर्व अध्यक्ष सुनील परिहार ने राज्य बजट को बेहद निराशाजनक बताते हुए कहा कि इस बजट में राज्य के औद्योगिक विकास हेतु किसी प्रकार की सकारात्मक घोषणा नहीं करने से राज्य के औद्योगिक विकास हेतु किसी भी प्रकार का विजन प्रतीत नहीं होता है। राज्य बजट में उद्यमियों की रीको से सम्बंधित समस्याओं के निराकरण हेतु ब्याज एवं शास्ति में शत-प्रतिशत छूट की एमनेस्टी स्कीम घोषित किये जाने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं करना बेहद निराशाजनक है। जोधपुर सहित प्रदेश के मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों के सुदृढीकरण की वर्तमान में नितांत आवश्यकता है लेकिन मात्र 150 करोड़ रूपये की घोषणा केवल ऊंट के मूंह में जीरे के समान है।
राज्य बजट में जोधपुर शहर के विकास एवं यहां के औद्योगिक विकास हेतु सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए घोषणा नहीं करना जोधपुर वासियों के लिए सौतेला व्यवहार है। राज्य की महत्वाकांक्षी परियोजना रिफाईनरी, नये औद्योगिक क्षेत्रों की घोषणा नहीं करना एवं नये पूंजी निवेश के लिए कोई सार्थक योजना की घोषणा नहीं करना बेहद निराशाजनक है। जोधपुर में टेक्सटाईल्स उद्योगों के विकास की संभावनाओं को देखते हुए नये सीईटीपी हेतु बजट में प्रावधान नहीं करना जोधपुर के साथ सौतेला व्यवहार है।
एमआईए के पूर्व अध्यक्ष कैलाश एन. कंसारा, कमल मेहता, एस.के. शर्मा, कमल सिंघवी, उमेश लीला, प्रदीप डाकलिया, उपेन्द्र भंसाली, योगेश माहेश्वरी, ज्ञानीराम मालू, निवर्तमान अध्यक्ष भंवरलाल चौपड़ा ने भी राज्य बजट को बेहद निराशाजनक एवं राज्य के सर्वांगीण एवं चहुंमुखी विकास की धारा के विपरीत चलने वाला बजट बताया।
