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दस दिन बाद भी गुनहगार पुलिस की पकड़ से दूर
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दुघर्टना में महिला की मौत से पूरा परिवार सदमें में, वहीं घायल युवती जिन्दगी और मौत की लड़ाई से जूंझ रही है, दिल्ली में चल रहा इलाज, स्थिति गंभीर, तीन ऑपरेशन हुए
मधुहीर राजस्थान
बहादुर सिंह चौहान (7737680371)
बीकानेर। बीकानेर और देशनोक के बीच उदयरामसर गांव के पास नेशनल हाईवे पर गत 12 जुलाई 2024 को हुए एक सडक़ हादसे ने दो परिवार को तबाह कर दिया। इस हादसे में थार गाड़ी ओवर स्पीड चल रही थी जिसने सामने से आ रही मारूति सेलेरियो कार को इतनी जोर से टक्कर मारी कि कार के परखच्चे ही उड़ गए और एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई वहीं कार में सवार अन्य युवती की रीढ की हड्डी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और चेहरा बदहाल हो गया। कार में सवार महिला के पति भी बुरी तरह से जख्मी हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि थार गाड़ी की स्पीड बहुत तेज थी जिस कारण ये हादसा घटित हुआ। थार गाड़ी ने तेज स्पीड से अपनी साइड को छोड़ते हुए रॉंग साईड में जाकर सामने वाली कार को टक्कर मार दी।
मौज-मस्ती में थार गाड़ी में सवार युवकों ने तेज स्पीड में गाड़ी चलाई और ओवर स्पीड में सामने वाली कार के चिथड़े ही उड़ा दिए। अब सवाल यह है कि थार गाड़ी चालकों को थार गाड़ी को इतनी तेज स्पीड में चलाने की जरूरत क्या थी? क्यों वो अपनी साईड छोड़ते हुए बिना कुछ सोचे-समझे गलत दिशा में मुड़ गए? क्या वो नशे में थे? इतनी चौड़ी रोड पर क्या उनकी गाड़ी को चलने के लिए रास्ता कम पड़ गया था? बिना कोई ओवर टेक किए उन्होनें सीधे ही सामने वाली कार को अपना निशाना क्यों बना दिया? इतनी तेज स्पीड में रॉंग साईड में गाड़ी चलाने की उनकी ऐसी क्या मजबूरी थी की, उन्होंने सामने वाले की जिंदगी ही ले ली। ये सब सवाल आज भी जवाबों को तलाश में है, तो वहीं इस हादसे के 10 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर क्यों है? क्यों वो हादसे वाले दिन थाने में पेश नहीं हुए और इलाज का बहाना बनाकर मौके से फरार हो गए। क्या आरोपियों को कोई बड़े रसूकदारों का संरक्षण प्राप्त है, जो उन्होंने इस घटना को भी गंभीरता से नहीं लिया है। वहीं दूसरी ओर दो पूरा परिवार पूरी तरह से तबाह हो गए है। परिवार की महिला का असामयिक चले जाना बड़ा ही दु:खदायी होता है। ये तो वो परिवार ही जानता है जो इस हादसे का शिकार हुआ है। लोगों के लिए यह मात्र एक खबर है और पुलिस के लिए केवल एक केस है। इस हादसे से पीडि़त परिवार का कहना है कि हमें इंसाफ चाहिए। हमारे परिवार का तबाह करने वालों को हम जेल में देखना चाहते है और उन्हें ऐसी सख्त सजा मिले ताकि भविष्य में वो किसी और परिवार को तबाह नहीं कर सकें।
यह था मामला – गत 12 जुलाई को पीबीएम अस्पताल बीकानेर के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के नर्सिंग कर्मचारी पदमसिंह, उनकी पत्नी कांता कंवर और उनकी ही पारिवारिक सदस्य रेणु करणीमाता के दर्शन करके बीकानेर लौट रहे थे। बीकानेर और देशनोक के बीच उदयरामसर गांव के पास नेशनल हाईवे पर सामने से एक लाल रंग की गुजरात नम्बर की गाड़ी जीजे15सीएम9594 जो कि ओवर स्पीड में थी, ने एकदम से गलत दिशा में टर्न करके पदमसिंह की कार को इतनी जोर से टक्कर मारी की उनकी कार के परखच्चे ही उड़ गए। पदमसिंह की पत्नी कांता कंवर ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। पदम सिंह भी इस हादसे में चोटिल हुए तो वहीं रेणु गंभीर रूप से घायल हो गई जिसे मौके पर मौजूद एक पिकअप चालक ने अगर समय रहते अस्पताल नहीं पहुंंचाया होता तो शायद वो भी दम तोड़ देती। रेणु को पीबीएम अस्पताल से दिल्ली रेफर किया है वहां अभी भी उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं थार गाड़ी में सवार युवक मौके से फरार हो गए और अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए है। पुलिस ने इस संबंध में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराएं 281, 125 और 106 (1) के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में जांच अधिकारी ताराचंद मीणा (एएसआई) से जब परिवार के लोगों ने बात की तो उन्होंने भी स्वीकारा की यह मामला बड़ा गंभीर है और हिट एवं रन से संबंधित है। इस संबंध में आरोपियों को शीघ्र ही पकड़ा जाएगा। लेकिन कब पकड़े जाएंगे ये स्पष्ट नहीं किया जबकि मौके से पुलिस ने थार गाड़ी को भी जब्त कर लिया है।
थार गाड़ी का ओवर स्पीड का पहले भी रू. 2000 का हो रखा चालान :- इस गाड़ी के बारे में जब हमने पड़ताल की तो पता चला कि इसी गाड़ी के चालक के खिलाफ पूर्व में भी सेक्शन 183 के तहत ओवर स्पीड का रु. 2000 का चालान हो रखा है। इससे तो ये स्पष्ट होता है कि इस थार गाड़ी के चालक को ओवर स्पीड में गाड़ी चलाने का शौक था। उसके इस शौक ने दो परिवारो को पूरी तरह से तबाह कर दिया और यदि इन्हे कोई सख्त सजा नहीं मिली तो संभवत: आगे भी इस प्रकार के हादसे करने का अंदेशा है, जिससे कोई और परिवार भी तबाह हो सकता है।
इनका कहना है –
1. थार गाड़ी चालकों की लापरवाही ने मेरी बड़ी बहिन की जान ले ली है। आरोपी को अभी तक पुलिस ने नहीं पकड़ा है। मेरे पास इस घटना के साक्ष्य मौजूद है, जिसमे स्पष्ट नजर आ रहा है कि किस प्रकार से थार गाड़ी चालक ने लापरवाही से मेरी बहिन की गाड़ी को टक्कर मारी। मेरी मासूम बहिन की इस पूरे हादसे में क्या गलती थी जो उसे मौत मिली। मेरी भाणजी की भी शादी होने वाली थी। उसकी होने वाली ननंद रेणु भी इस हादसे में गंभीर घायल है जिसका दिल्ली में तीन ऑपरेशन हो गए लेकिन भी उसकी स्थिति जस की तस बनी हुई है। मेरी बहिन ने अपनी बेटी की शादी के कितने सपने संजोए थे जो अब पूरी तरह से बिखर गए है। मैं चाहता हूं कि इस हादसे के जिम्मेदारों को कड़ी से कड़ी सजा मिले ताकि जिस प्रकार हमारा घर बर्बाद हुआ है, भविष्य में किसी और का घर बर्बाद ना हो और लापरवाह लोगों को सबक मिले की इस तरह की लापरवाही के क्या गंभीर परिणाम हो सकते है। हमने पुलिस में मामला दर्ज करवाया है और जल्द ही हम श्रीमान पुलिस अधीक्षक, बीकानेर को इस मामले के संबंध में ज्ञापन सौंप निष्पक्ष और शीघ्र जांच की मांग करेंगे।
विजय सिंह राठौड़ (हादसे में मृत कांता कंवर का भाई)
2. पुलिस ने इस मामले में थार गाड़ी को जब्त कर ली है। थार गाड़ी चालक गुजरात के सूरत शहर का है। इस संबंध में हमारे थाने के जांच अधिकारी सूरत गए हुए है। पुलिस इस संबंध में निष्पक्ष और विधिसम्मत कार्यवाही करेंगी और जिम्मेदारो को हिरासत में लिया जाएगा।
समरवीर सिंह शेखावत, एसएचओ, पुलिस थाना गंगाशहर बीकानेर
3. पुलिस को स्पीड वाली गाडिय़ों पर एमवी एक्ट में कार्यवाही करनी चाहिए ताकि ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सकें । केवल ऑनलाईन चालान ही नहीं बल्कि ऑफ लाईन पेपर चालान से मोबाईल कोर्ट के समक्ष चालान पेश होना चाहिए। वहीं लाईसेंस रद्द करने की कार्यवाही भी होनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति नहीं होवें। ओवर स्पीड वाली गाडिय़ों का केवल चालान मात्र करने से ऐसी दुर्घटनाओं को रोकना संभव नहीं है। ऐसे मामलों में सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
विनोद कुमार सिनावडिय़ा, अधिवक्ता, राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर
