मधुहीर राजस्थान
जोधपुर। हाल ही में भारत सरकार ने पुलिस प्रशासन से जुड़े तीन बड़े कानूनों में बदलाव किया है। पूर्व में लागू जटिल एवं लंबी प्रक्रिया वाले अंग्रेजी शासन के कानून, जो आज तक समाज के विभिन्न क्षेत्रों में समझ में नहीं आए थे, उन्हें आधुनिक और सरल बना दिया गया है। नए आपराधिक कानून 2023 को न्याय के साक्षी के रूप में पूरे भारतवर्ष में लागू किया गया है, जिसमें सरकार ने दोष पर नहीं बल्कि न्याय पर पूरा ध्यान केंद्रित किया है।
संविधान विशेषज्ञ अजय सांसी ने इन नए कानूनों की जानकारी हर घर तक पहुंचाने के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान की शुरुआत जा रहे है। इससे संबंधित पुलिस प्रशासन से पत्राचार किया जा रहा है जिसमें विशेषकर विमुक्त, घुमंतू व अर्धघुमंतू जनजातियों की बस्तियों में जन जागरण शिविर आयोजित करने का अनुरोध जाएगा है।
अजय सांसी का कहना है कि इन जन जागरण शिविरों से लोगों को नए कानून के प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इस कार्यक्रम को दो भागों में रखा गया है, पहले भाग में जागरूकता फैलाने वाले लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा, और दूसरे चरण में वही प्रशिक्षित लोग अन्य लोगों तक यह जानकारी पहुंचाएंगे। इसे ‘ट्रेनिंग टू ट्रेनर’ प्रोग्राम का नाम दिया गया है। इसमें पुलिस प्रशासन, वरिष्ठ राज्य के अधिकारी, पूर्व न्यायाधीश, और प्रत्येक क्षेत्र के पुलिस थाना टोली का सहयोग लिया जाएगा। इस पहल के तहत क्षेत्र में मौखिक प्रस्तुति के साथ पंपलेट, पुस्तिका और बुकलेट का वितरण किया जाएगा।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आम जनता अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक हो सके हमारा लक्ष्य है कि “कानून के ज्ञान का प्रकाश हर घर तक पहुंचे।” इसके लिए हमें पुलिस विभाग का सहयोग और मार्गदर्शन आवश्यक है। हम इस आयोजन के माध्यम से लोगों को नए आपराधिक कानून 2023 के महत्व और उनके अधिकारों के बारे में अवगत करवाएंगे।
सांसी कॉलोनी रातानाडा में इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया, जिसमें सुमन गोमाणी (कार्यक्रम संयोजक), सपना हेमावत (सहसंयोजक), नंदिनी खारडा, नेहा बीसलपुर, रवीना पोपावत, पिंकी खारडा, माधुरी मच्छवत, सुमन खारडा, सुनीता रामधारी, मनीषा मोचकिया, गीत रायचंद, और सांसी समाज महिला प्रमुख किरण सांसी ने प्रमुख रूप से अपनी सहभागिता निभाई।
