AIOCD ने उच्च अधिकारियों को भेजा निवेदन
जैसलमेर। दवा व्यापार प्रतिनिधि. ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्टस (एआईओसीडी) ने देश में बिना लाइसेंस के ओवर द काउंटर (ओटीसी) दवाओं की बिक्री की अनुमति देने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर गहरी चिंता व्यक्त की है । जैसलमेर जिला केमिस्ट एसोशियेशन के सचिव मनोज आर भाटिया बताया कि देश के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव, भारत के औषधि महानियंत्रक, स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक (डीजीएचएस), राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्रधिकरण (एनपीपीए) के अध्यक्ष और अन्य संबधित अधिकारियों को OTC दवाओं को सभी को बेचने की अनुमति पर आपत्ति के निवेदन सौंपे गए है । एआईओसीडी के अध्यक्ष जेएस शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह का कदम मौजूदा दवा कानूनों, फार्मेसी विनियमों का उल्लंघन करेगा । उचित विनियमन के बिना ओटीसी दवा बिक्री की अनुमति देने से गंभीर खतरा पैदा हो सकता है । प्रस्ताव में इस बात पर चिंता व्यक्त कि गई कि खतरनाक स्व-चिकित्सा और नशीली दवाओं का दुरुपयोग हो सकता है । सामान्य और किराने की दूकानों में दवाओं की अनियमित उपलब्धता समाज के सर्वोत्तम हितों की पूर्ति नहीं करती है । देश भर में 12.40 लाख केमिस्टों की सदस्यता के साथ एआईओसीडी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की अखंडता को कमजोर करने वाले किसी भी उपाय का दृढ़ता से विरोध करता है ।
जैसलमेर जिला केमिस्ट एसोशियेशन के सचिव मनोज आर भाटिया ने सरकार से आग्रह किया कि इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने की जरूरत है । उन्होंने बताया कि इससे नकली दवाओं का प्रसार भी हो सकता है । स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में देरी भी हो सकती है । दवा की अधिक मात्रा के कारण बीमारियों की अधिक घटनाएं बढ़ सकती हैं । दवा भंडारण के मानकों से समझौता, अपर्याप्त फार्मा को विजिलेंस उपाय जैसे खतरे और चैलेंज भी जनता के लिए होंगे ।
