जैसलमेर। गर्मियों के मौसम में शुरुआत के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में गायों के मृत पशुओं के अवशेष व हड्डियॉं आदि खाने से पशुओं में कर्रा रोग हो जाता है। जिला कलक्टर प्रताप सिंह एवं संयुक्त निदेशक पशुपालन ने एक अपील जारी कर पशुपालकों से आह्वान किया कि वे पशुओं में फैलने वाले कर्रा रोग के बचाव के उपचार अवश्य ही करें ताकि वे अपने पशुओं को इस रोग से बचा सकें।
संयुक्त निदेशक पशुपालन ने बताया कि दुधारु गायों में पशुओं के शरीर में फासफोरस एवं अन्य पौषक तत्वों की कमी के कारण ये पशु मृत पशुओं की हड्डियॉं खाना शुरु कर देते है इसलिए पशुपालकों को आह्वान किया जाता है कि वे अपने दुधारु पशुओं को घर में बान्ध कर रखें एवं पशु चिकित्सालयों में उपलब्ध मिनरल मिक्सर एवं नमक दाने के साथ नियमित रुप से निर्धारित मात्रा में खिलाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने पशुपालकों को यह भी आह्वान किया कि वे मृत पशुओं के शवों का निस्तारण वैज्ञानिक विधि से गड्ढा खोद कर दफना कर करें एवं ग्राम पंचायत के सहयोग से गांव से दो-तीन किलोमीटर की दूरी पर चाहर दीवारी बना कर बन्द बाड़े में मृत पशुओं के शवों को डाले। इसके साथ ही पशुपालकों को यह भी सुझाव दिया कि पशु चिकित्सालय एवं पशु चिकित्सा उपकेन्द्र में उपलब्ध मिनरल मिक्सर पाउडर को ले जाकर दुधारु पशु को प्रतिदिन 50 ग्राम पाउडर व नमक दाने के साथ नियमित रुप से खिलायें। उन्होंने यह भी कहा कि कर्रा रोग से बचाव के लिए ये बचाव उपाय ही उपचार है, इसकी पालना जरुर करें।
