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‘वोट जिहाद’ के बाद चुनाव में ‘पाकिस्तान’ की एंट्री पर बवाल

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अशोक भाटिया,

वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार ,लेखक, एवं टिप्पणीकार

लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेता और पूर्व विदेशमंत्री सलमान ख़ुर्शीद की भतीजी मारिया के वोट जिहाद वाले बयान को लेकर सियासत तेज हो गई । कन्नौज लोकसभा सीट सेभाजपा सांसद और प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने इस बयान पर पलटवार किया । उन्होंने कहा कि “इंडिया गठबंधन भारत को पाकिस्तान जैसा बनाना चाहता है, जीत के हथियारों से जिहाद करेंगी।बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि अभी तक लव जिहाद, रेड जिहाद सुना था आज इन्होंने बता दिया कि वोटों का भी जिहाद करेंगे। सरकार में आ जाएंगे तो हथियारों से जेहाद करेंगे, इनका लक्ष्य ही यही है कि हिंदुस्तान में शरिया का कानून लागू करना। भारत को इस्लामिक राज्य बनाना और पाकिस्तान जैसा भ्रष्टाचारी आतंकवादी राष्ट्र बनाकर कई टुकड़े करवा देना। अभी इस बात पर वाद विवाद चल ही रहा था कि पाकिस्तान की भी इन चुनाओं में एंट्री हो गई । ऐसा लगता है कि मोदी की हेट्रिक लगाती देख कर पाकिस्तान को अभी से चिंता सताने लगी है। पाकिस्तान के नेता घबराहट में भारत के चुनाव पर टिप्पणी कर रहे हैं। इमरान खान सरकार में सूचना मंत्री रहे फवाद चौधरी ने ऐसा बयान दिया है, जो चुनावी मैदान में बहस का मुद्दा बन गया है। इसे लेकरभाजपा नेता कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साध रहे हैं। आइए समझते हैं कि आखिर पाकिस्तान को भारत के नतीजों को लेकर इतनी दिलचस्पी क्यों है?

भारत के चुनाव में पाकिस्तान की एंट्री तो पहले ही हो चुकी थी। गुरुवार को बात मजबूत सरकार और कमजोर सरकार पर आ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के आणंद मेंभाजपा की रैली को संबोधित करते हुए फवाद चौधरी के उस बयान पर रिएक्ट किया, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की तारीफ की थी। मोदी ने कहा, “पाकिस्तान और कांग्रेस की ये पार्टनरशिप अब पूरी तरह एक्सपोज हो गई है। देश के दुश्मनों को आज भारत में मजबूत सरकार नहीं चाहिए। उनको कमजोर सरकार चाहिए।।।ऐसी कमजोर सरकार जो मुंबई में आतंकी हमले के समय थी। डोजियर भेजने वाली सरकार।”

दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले द गार्जियन की एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि भारत की विदेशी खूफिया एजेंसी 2019 के कथित तौर पर विदेशों में हत्याएं करना शुरू किया है। पुलवामा हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान में 20 एक्ट्रा जुडिशियल हत्याएं करवाईं है। उस समय इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे झूठा करार दिया था, लेकिन अंदर ही अंदर पीएम मोदी, राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं के में लड्डू फूट रहे थे। क्योंकि ये उनके फेवर की बात थी कि जिस डोजियर को कांग्रेस सौंपती थी, उसमें से ही ये लोग है जिन्हें मारा गया है। हालांकि मेरे पास इसका कोई स्टेटमेंट नहीं है। इसके अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से एक साक्षात्कार में पूछा गया था कि गार्जियन ने भारत पर 20 लोगों के मारने का आऱोप लगाया है। इसे आप कैसे देखते हैं? अमित शाह ने जवाब में कहा था कि आप खुश हो कि नहीं हो। उन्होंने इससे इनकार भी नहीं किया था। कुल मिलाकर आज फिर चुनाव में पाकिस्तान लौट आया। 2019 का चुनावभाजपा पाकिस्तान पर किए गए स्ट्राइक के दम जीत गई थी। आने वाले दिनों में यह देखने वाली बात होगी कि किस-किस तरह से पाकिस्तान हमारे चुनाव गेस्ट अपीरियंस के रूप में आती है।

बताया जाता है कि पाकिस्तान के बड़बोले नेता, पूर्व मंत्री और इमरान खान के करीबी फवाद चौधरी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो को री-पोस्ट किया था। ये वीडियो राहुल गांधी की रैली का था। इसमें वो पीएम मोदी पर निशाना साध रहे थे। फवाद चौधरी ने वीडियो को री-पोस्ट करते हुए कमेंट लिखा, पड़ोसी मुल्क से निकला वाला बयान सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल गया। दिन चढ़ते-चढ़ते आग गुजरात की रैली तक पहुंच गई थी।पीएम मोदी ने आणंद की रैली में कांग्रेस और पाकिस्तान पर तंज कसे। उन्होंने कहा, “संयोग देखिए।।। आज जब भारत में कांग्रेस कमजोर हो रही है। मैग्नीफाइंग ग्लास लेकर भी कांग्रेस को ढूंढना मुश्किल हो रहा है। यहां कांग्रेस मर रही है, वहां पाकिस्तान रो रहा है। कांग्रेस के लिए अब पाकिस्तानी नेता दुआ कर रहे हैं। शहजादे को प्रधानमंत्री बनाने के लिए पाकिस्तान उतावला है।”

एक RTI के जवाब में मिले गृह मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक, 2004 से 2013 के बीच देश में 9,321 आतंकी घटनाएं हुईं। इनमें 4005 आतंकी मारे गए। जबकि 2014 से 2022 के बीच 2132 आतंकी घटनाएं हुईं। इनमें 1538 आतंकी मारे गए थे।

इस बीच एक सवाल ये भी उठता है कि पाकिस्तान में सत्ता की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुके फवाद चौधरी भारत में कांग्रेस के तरफदार क्यों बन रहे हैं? कहीं ये कांग्रेस के समर्थन से ज्यादाभाजपा से घबराहट को तो नहीं दिखाता है? क्या पाकिस्तान को भी 4 जून यानी भारत में हो रहे लोकसभा इलेक्शन के रिजल्ट का इंतजार है?

पाकिस्तान के साथ दिक्कत ये है कि वहां के नेताओं के पास इस वक्त कोई मुद्दा नहीं है। घर के अंदर और घर के बाहर पाकिस्तान हर मोर्चे पर जिस तरह से घिरा हुआ है, आज के पहले उसकी कभी इतनी बुरी हालत नहीं थी। चुनाव के बाद भी वहां राजनीतिक स्थिरता बहाल नहीं हो पाई है। पाकिस्तान खुद को हारा हुआ महसूस कर रहा है।जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के अध्यक्ष मौलाना फ़ज़लुर्रहमान कहते हैं, “हिंदुस्तान और हम एक ही दिन आजाद हुए।15 अगस्त 1947 को सुबह 8 बजे। आज वो दुनिया की सुपरपावर बनने के ख्वाब देख रहा है। हम दिवालियापन से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं। इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

मौजूदा हालत को देखकर पाकिस्तान की आवाम का भी सब्र टूट रहा। सना अमज़द कहती हैं, “हमारा पॉलिटिकल निजाम नाकाम है। हम ना तीतर हैं ना बटेर। स्टेट पॉलिसी है ही नहीं।” खैज़र नाम के शख्स का पाकिस्तानी हुकूमत से सवाल है, “इंडिया आपसे आगे निकल रहा है। इजरायल आगे है। आप इस्लामी ब्लॉक बनाने जा रहे थे। क्या हुआ?” मौलाना फ़ज़लुर्रहमान कहते हैं, “पाकिस्तान की अवाम जब भारत की ओर देखती है, तो अपनी सरकार को कठघरे में खड़ा करना उसकी मजबूरी हो जाती है। ये मजबूरी।।।फिलहाल और ज्यादा बढ़ गई है। क्योंकि चुनाव के मैदान में लगातार पाकिस्तान की आतंकी छवि का जिक्र बना हुआ है।”

पाकिस्तान इस समय एक साथ कई मोर्चों पर जूझ रहा है। भारत में घुसपैठ कराना अब उसके लिए आसान नहीं रहा। अलग-अलग ग्लोबल मंच पर भारत पहले ही पाकिस्तान को अलग-थलग कर चुका है। अफगानिस्तान से सटे बॉर्डर पर भी तालिबान उसे बार-बार आंख दिखा देता है। बलूचिस्तान में क्रांति की लपटें अलग उठ रही हैं। PoK भी बार-बार इस्लामबाद को धमकी दे रहा है। इन सबके बीच पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली उसे खोखला किए जा रही है। जाहिर है पाकिस्तान को खुद में बदलाव लाने की जरूरत है, क्योंकि आतंकवाद के खिलाफ भारत की पॉलिसी तो अटल है।

पाकिस्तान के जिस नेता ने राहुल गांधी की तारीफ की है। वो भारत विरोधी ज़हरीले बयानों के लिए भी कुख्यात हैं। ये वही फवाद चौधरी हैं, जिन्होंने पाकिस्तान की संसद में सीना चौड़ा करके कबूल किया था कि पुलवामा के पाप को पाकिस्तान ने ही अंजाम दिया है।

पाकिस्तान को भारत से कितना डर लगता है? खुद पाकिस्तान की संसद में इस बात की गवाही दी गई। पाकिस्तान के एक सांसद ने बताया कि उसके विदेश मंत्री को डर था कि कहीं भारत हमला ना कर दे। लेकिन पाकिस्तान की इसी संसद में कुछ साल पहले एक और वाकया हुआ। पड़ोसी मुल्क ने खुलेआम ये स्वीकार किया कि पुलवामा में जो आतंकी हमला हुआ, वो पाकिस्तान ने ही कराया था।फवाद चौधरी ने संसद में कबूल किया था, “हमने हिंदुस्तान को घुसके मारा है। पुलवामा में जो हमारी कामयाबी है।इस कौम की कामयाबी है। उसके हिस्सेदार हम सब हैं।”जाहिर है पुलवामा हमले को पाकिस्तान का गौरव बताने वाले फवाद चौधरी अगर राहुल गांधी की तारीफ करेंगे, तो कांग्रेस के विरोधी इसे कैसे जाने देंगे। वो भी तब, जबकि मौसम चुनावी है।

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