मधुहीर राजस्थान
जोधपुर/जैसलमेर। इंडो-पाक बॉर्डर पर भारतीय सेना ने भविष्य के युद्ध की प्रैक्टिस की। पाकिस्तानी सीमा से सटे जैसलमेर के रेगिस्तानी इलाके में आर्मी और एयरफोर्स ने संयुक्त अभ्यास किया। दुश्मन के ठिकानों को पता लगा कर ड्रोन से हमले किए। ड्रोन के जरिए अनाउंसमेंट कर गांवों को खाली कराया गया। भारतीय सैनिक घायल होते तो उनके लिए रोबोटिक डॉग तुरंत फस्र्ट एड बॉक्स लेकर पहुंच जाता। दरअसल ऑपरेशन त्रिशूल के 11वें दिन मरू ज्वाला का अभ्यास हुआ। इस अभ्यास में सेना ने रेगिस्तानी इलाकों में आतंकवादियों के ठिकानों और दुश्मन की अग्रिम चौकियों पर साथ मिलकर अटैक किए। थल सेना से मैकेनाइज्ड और आर्मर्ड कोर (टैंक रेजिमेंट) ने इसमें हिस्सा लिया। वहीं लड़ाकू हेलीकॉप्टरों और हवाई पेट्रोलिंग प्लेटफॉर्म बनाया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य यह साबित करना है कि भारतीय सेना रेगिस्तान में किसी भी परिस्थिति में तेजी से दुश्मन के खिलाफ एक्शन लेने में सक्षम है। साथ ही, कम से कम समय में दुश्मन को तीनों मोर्चों से हारने की एकजुटता का प्रदर्शन किया जाएगा।

