बहादुर सिंह चौहान
(संपादक)
प्रदेश में हीटवेव से तापमान में लगातार बढ़ोतरी होने के बावजूद भी ना ही प्रशासन जाग रहा है और ना शिक्षा विभाग कुछ कर रही है। भीषण गर्मी के चलते स्कूलों के समय में बदलाव नहीं करने के कारण बच्चे पसीने से तरबतर घर पहुंच रहे है तथा घर आते निढाल से हो जाते है। वहीं ऑटो और बस से आने-जाने वाले बच्चों की भी बुरी स्थिति है। स्कूल से छुट्टी होने के बाद बच्चे गर्म हवा के थपेड़ों को झेलते हुए घर पहुंच रहे हैं। वहीं छोटे बच्चों को स्कूल से लाने के लिए अभिभावकों के भी गर्मी में बुरे हाल है वो भी पसीने से तरबतर होकर घर पहुंचते है। ऐसे में इस भीषण गर्मी के चलते शिक्षा विभाग चाहे तो स्कूलों के समय में बदलाव करके एक से डेढ़ घंटे पहले छुट्टी कर बच्चों को राहत दी जा सकती है। मौसम विभाग के अनुसार हीटवेव से तापमान और बढ़ातेरी हो सकती है तथा कई शहरों में 45 डिग्री तक जा सकता है। वहीं लू चलने का भी अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में पिछले दो दिन से तापमान 42 डिग्री के भी उपर पहुंच गया है। मई के पहले सप्ताह से ही सूरज ने आंखे तरेरना शुरू कर दिया है। भीषण गर्मी के चलते जोधपुर में सोमवार को आमजीवन अस्त-व्यस्त नजर आया। इस भीषण गर्मी में मूक व बेसहारा पशु-पक्षी भी अपना ठोर-ठिकाना ढूंढते नजर आए। जोधपुर शहर में तो 11 बजे बाद ही प्रमुख चौराहे सूने नजर आए तथा आवाजाही ना के बराबर रही। वहीं प्रदेश के अन्य जिलों में भी कमोबश यही हाल रहा। सोमवार सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान कोटा ४२.९, बाड़मेर ४२.९, जैसलमेर ४२.८, फलौदी ४२.८ तथा जोधपुर ४२.२ रहा। प्रदेश में आज से गर्मी और बढ़ेगी। वहीं दूसरी ओर जोधपुर शहर के एमजीएच और एमडीएम तथा एम्स जैसे बड़े अस्पतालों में भीषण गर्मी के प्रभाव से रोजाना की तुलना में मरीजों की संख्या दुगुनी हो गई है। अधिकांश मरीज उल्टी-दस्त, सिरदर्द तथा चक्कर व जी मिचलना के आ रहे है। वहीं चिकित्सकों ने भी मरीजों से गर्मी से अपना बचाव करने का आग्रह किया है तथा तेज धूप में बाहर नहीं निकलने का भी आग्रह किया है। चिकित्सकों के अनुसार गर्म पेय के बजाय लोग गन्ने का रस, छाछ, जूस, आमरस का सेवन करके अपने आपको कूल रख सकते है। जोधपुर में सोमवार की दोपहर में जमीन तवे सी तपती रही तथा लोग बेहाल नजर आए। आमजन के साथ पशु-पक्षी भी व्याकुल नजर आए तथा पानी के लिए इधर-उधर भटकते नजर आए। शहर की प्रमुख सडक़ों पर सन्नाटा पसरा रहा। सुबह नौ बजे से धूप में तल्खी महसूस होने लगी। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, तपिश बढ़ती गई। दोपहर में लोग घरों और दफ्तरों में कैद रहे। हीट वेव से तापमान लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन को तपती सडक़ों पानी का छिडक़ाव करवाना चाहिए। वहीं मूक बेसहारा पशुओं के लिए जगह-जगह टीन शेड तथा पानी की व्यवस्था करके भीषण गर्मी से बचाव किया जा सकता है। आमजन को भी चाहिए कि पक्षियों के लिए अपने घर के बाहर भी बर्तन में पानी रखें तथा परींडे लगाए जा सकते है। जिससे पशु-पक्षी भी तेज गर्मी से राहत मिलेगी।
