जैसलमेर। जेठवाई रोड पर आरयूआईडीपी द्वारा 8 साल में तैयार किए गए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का अभी तक पूरा उपयोग नहीं हो रहा है। करीब 8 साल पहले 5 करोड़ का प्लांट बनकर तैयार हो गया था। 8 साल से चालू भी है। इस दौरान शहर की सीवरेज लाइन से अब तक करीब 1 हजार करोड़ लीटर गंदा पानी पहुंचा लेकिन फिल्टर नहीं कर पाए। 1 हजार करोड़ लीटर पानी या तो जमीन ने सोख लिया या फिर धूप में भाप बनकर उड़ गया। नगरपरिषद की लापरवाही से इसका उपयोग नहीं किया गया। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि ऐसे ही डिस्पोजल करना था तो 5 करोड़ रुपए क्यों खर्च किए गए। यानि प्लांट का सही उपयोग नहीं हो रहा है। इस स्थिति में पानी फिल्टर नहीं किया जा रहा है।
शहर पूरे में पिछले लंबे समय से सीवरेज बिछाने का काम चल रहा है। अधिकांश हिस्सों में सीवरेज बिछ चुकी है। लेकिन अभी तक सभी घरों की पानी निकासी को सीवरेज से नहीं जोड़ा गया है। एक तरफ शहर में आए दिन सीवरेज का पानी ओवरफ्लो हो रहा है तो दूसरी तरफ ट्रीटमेंट प्लांट तक क्षमता के मुताबिक पानी ही नहीं पहुंच रहा है। जेठवाई रोड पर बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 1 करोड़ लीटर रोजाना की है। जबकि जैसलमेर में रोजाना करीब 40 लाख लीटर गंदा पानी इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक ही पहुंच रहा है। जैसलमेर शहर में करीब 10 हजार घरों को सीवरेज से जोड़ा जा चुका है। जो लक्ष्य का 65 प्रतिशत है। अभी तक सभी घरों के कनेक्शन सीवरेज में नहीं होने से अभी तक 1 करोड़ लीटर क्षमता वाले प्लांट में 40 से 50 लाख लीटर ही पानी पहुंच रहा है।
