Translate


Home » आलेख » सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई हरकत के बाद उजागर हो रहा है आम आदमी पार्टी का असली चेहरा

सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई हरकत के बाद उजागर हो रहा है आम आदमी पार्टी का असली  चेहरा

Facebook
Twitter
WhatsApp
Telegram
79 Views

अशोक भाटिया,

वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार ,लेखक,  एवं टिप्पणीकार

आम आदमी पार्टी की तरफ से महिला सम्मान पर डबल स्टैंडर्ड का एक नया रिकॉर्ड कायम किया गया। एक तरफ हरियाणा में अरविंद केजरीवाल पहलवान बेटियों के सम्मान पर वोट मांग रहे थे। दूसरी तरफ दिल्ली में 32 घंटे की चुप्पी के बाद उनकी ही पार्टी ने कबूल कर लिया कि उनकी ही पार्टी की महिला सांसद स्वाति मालीवाल के साथ सीएम आवास में बदसलूकी हुई। बाहर भले ही केजरीवाल की तरफ से महिला सुरक्षा, महिला सम्मान को लेकर नई गारंटी दी जा रही हो। लेकिन सीएम आवास में ही महिला सुरक्षित नजर नहीं आ रही हैं। वो भी किसी और ने नहीं बल्कि खुद अरविंद केजरीवाल के करीबी और उनके पीए पर महिला सांसद के साथ बदसलूकी के आरोप लगे हैं। घंटे दर घंटे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली आम आदमी पार्टी ने ये मानने में 32 घंटे लगा दिए कि केजरीवाल के शीशमहल में उनकी ही पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट हुई है। घंटों इंतजार के बाद आम आदमी पार्टी मीडिया को ये बता पाई कि केजरीवाल के पीए विभव ने ही बदतमीजी की थी। इसके साथ ही आप ये भी मान रही है कि केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालीवाल ने पुलिस तक बुलाई थी।

इस घटना के बाद बताया जा था कि बिभव कुमार गुम  है  पर हाल ही में  बिभव कुमार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ दिखे हैं। लखनऊ एयरपोर्ट से बुधवार की रात को एक तस्वीर आई, जिसमें अरविंद केजरीवाल के साथ उनके पीए बिभव कुमार नजर आए। भाजपा ने इस तस्वीर को सोशल मीडिया मंच एक्स पर शेयर किया है और इसे लेकर हमला बोला है। इस तस्वीर को लेकर भाजपा का कहना है कि अब सबकुछ स्पष्ट हो गया है। इस फोटो में अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ संजय सिंह भी नजर आ रहे हैं। अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार की यह तस्वीर ऐसे वक्त में आई है, जब दो दिन पहले ही संजय सिंह ने कहा था किे स्वाति मालीवाल के साथ बिभव ने बदसलूकी की थी और अरविंद केजरीवाल एक्शन लेंगे।

इस तस्वीर को हथियार बनाकर भाजपा ने आम आदमी पार्टी को घेरा है। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ‘लखनऊ एयरपोर्ट की कल रात की ये फोटो। काली शर्ट में बिभव हैं जिसने स्वाति मालीवाल को मारा। साथ में संजय सिंह जिन्होंने बताया कि बिभव ने बहुत गलत किया, केजरीवाल नाराज़ हैं। तीसरे खुद केजरीवाल जिन पर स्वाति को पिटवाने का आरोप।’ दावा है कि यह तस्वीर बुधवार रात लखनऊ एयरपोर्ट की है, जहां सपा मुखिया अखिलेश संग पीसी करने अरविंद केजरीवाल पहुंचे हैं।कपिल मिश्रा के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘अब यह स्पष्ट हो गया है कि आप की महिला सांसद स्वाति मालीवाल पर हमले के पीछे अरविंद केजरीवाल थे, क्योंकि पार्टी ने संजय सिंह के बयान के 72 घंटे बाद भी बिभव के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की थी।’ उन्होंने कहा कि बिभव अभी भी आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ घूम रहे हैं, इसलिए यह स्पष्ट है कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल के इशारे पर स्वाति मालीवाल पर हमला किया।

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने मंगलवार को माना  था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार ने मुख्यमंत्री आवास पर पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल के साथ ‘बदसलूकी’ की और अरविंद केजरीवाल इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेंगे। स्वाति मालीवाल ने अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार पर मारपीट का आरोप लगाया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मांग की है कि संजय सिंह के बयान के आधार पर पुलिस को तत्काल प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए और दोषियों पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्हें अभी तक औपचारिक शिकायत नहीं मिली है लेकिन उन्होंने डीडी (दैनिक डायरी) प्रविष्टि बंद नहीं की है क्योंकि मालीवाल सोमवार को थाने आई थीं और उन्होंने कहा था कि वह शिकायत दर्ज कराने के लिए आएंगी। स्वाति मालीवाल ने कॉल और संदेशों का कोई जवाब नहीं दिया। मालीवाल दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख रह चुकी हैं। वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की प्रमुख रेखा शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मालीवाल की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें आवाज उठानी चाहिए।

बताया जाता है कि दिल्ली पुलिस की तरफ से दो बार स्वाति मालीवाल को बुलाया गया है। स्वाति मालीवाल ने पुलिस से बातचीत भी की है। संजय सिंह ने ये भले कहा कि विभव कुमार के खिलाफ कार्रवाई होगी क्योंकि उन्होंने बदतमीजी की है। लेकिन ये नहीं बताया कि क्यों बदतमीजी की और इसका आधार क्या है? सीएम के आवास में ड्राइंग रूम के अंदर वो बैठकर अरविंद केजरीवाल का इंतजार कर रही थी। स्वाति मालीवाल केजरीवाल के साथ पिछले 15 सालों से जुड़ी हैं। उन्होंने केजरीवाल के साथ कई प्रदर्शन में हिस्सा लिया है। आप की तरफ से उन्हें पहले दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष और फिर राज्यसभा भी भेजा गया। स्वाति मालीवाल ने जल्दबाजी में पुलिस को फोन तो कर दिया। लेकिन फिर कोई शिकायत नहीं दर्ज करवाई। वैसे बदसलूकी की बात की जाए तो आपको याद होगा कि योगेंद्र यादव और कई नेताओं ने मीटिंग से धक्के मारकर  बाहर करने के आरोप लगाए गए थे।

दिल्ली में अरविन्द की आम आदमी पार्टी का जब गठन नहीं हुआ था, उस समय यह राजनीतिक पार्टी एक आंदोलन बनकर पूरे देश में अपनी पहचान हासिल कर चुकी थी। एक आंदोलन जिसे देश में अन्ना आंदोलन के नाम से पहचाना गया। अन्ना को बहुत बाद में यह समझ में आया कि अरविन्द केजरीवाल ने उनका इस्तेमाल किया था। आंदोलन के बहाने से अरविन्द अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करना चाहते थे।

आम आदमी पार्टी के चाल और चरित्र की बात करें तो अन्ना हजारे ने जब अरविन्द की महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए तैयार हुई राजनीतिक पार्टी से जब अपने आप को पूरी तरह अलग कर लिया। उस समय किसी ने जहर देकर उनकी हत्या का प्रयास किया था। इस बात की चर्चा मीडिया में बहुत कम हुई। वरिष्ठ पत्रकार पूण्य प्रसून वाजपेयी ने अपने ब्लॉग में लिखा और उनकी चिकित्सा से जुड़े एक व्यक्ति ने बातचीत में इस बात को कन्फर्म किया था। चिकित्सा से जुड़े व्यक्ति ने बातचीत के क्रम में बताया था कि उनके नाम के खुलासे से उनके व्यवसाय और उनकी जान को खतरा हो सकता है। अन्ना की चिकित्सा से जुड़े उस व्यक्ति ने बताया था कि कैसे गुड़गांव के एक अस्पताल के मालिक ने उन्हें फोन करके कहा कि अन्ना हजारे उनके यहां भर्ती हैं। पूरे शरीर में जहर का असर है। इसका सबसे अच्छा उपचार प्राकृतिक चिकित्सा से ही हो सकता है। यह सुनने के बाद अन्ना को गुड़गांव से उन्होंने अपने पास बुला लिया। पद्म भूषण अन्ना हजारे की हत्या के इस प्रयास की कोई जांच नहीं हुई। कौन अन्ना की हत्या चाहता था, किसने उन्हें जहर देकर मारने का प्रयास किया। यह सारी बातें अब तक रहस्य हैं।

आज भी अन्ना हजारे भी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। वे लोगों से अपील कर रहे हैं कि सभी इस लोकसभा चुनाव में सही उम्मीदवार चुनें क्योंकि देश की चाबी गलत हाथों में नहीं जानी चाहिए। अन्ना के अनुसार, ऐसे लोगों को कभी नहीं चुनें, जिसके पीछे ईडी पड़ी हो। अन्ना ने मतदान करके लौटते समय मीडिया से यह बात कही।अन्ना हजारे ने केजरीवाल पर शराब घोटाले को लेकर कटाक्ष किया कि हमेशा याद रखें सही उम्मीदवारों को चुनें जो सही छवि वाला राजनेता हो। जेल से लौटने के बाद, शराब माफिया वाली आम आदमी पार्टी के नेताओं की छवि को सही नहीं कहा जा सकता है। अन्ना दिल्ली की जनता को अपना साफ संदेश दे रहे हैं कि शराब के धंधे में लिप्त केजरीवाल की पार्टी से दूर रहें।

अन्ना हजारे ने इसी बात को कुछ इस तरह से कहा कि मैं दिल्ली शराब घोटाला मामले में नाम आने के लिए अरविंद केजरीवाल की कड़ी आलोचना करता हूं, क्योंकि उन्होंने यह भ्रष्टाचार किया है। अन्ना ने कहा कि ऐसे लोगों को दोबारा नहीं चुना जाना चाहिए।दिल्ली में आम आदमी पार्टी का गठन 26 नवंबर 2012 को हुआ था। पहले पार्टी बनी और फिर दिल्ली में इनकी सरकार बन गई। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दिल्ली वालों के सामने अपनी बेटी की कसम खाई थी कि वह कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। बाद में उन्होंने दिल्ली की कुर्सी को कांग्रेस के समर्थन से हासिल किया। दिल्ली की कुर्सी बड़े-बड़े बादशाहों की नहीं हुई। फिर बेटी की झूठी कसम खाकर दिल्ली की कुर्सी पर बैठने वाले सीएम केजरीवाल के पास कितने दिनों तक यह कुर्सी रहेगी?

उनके कुर्सी का मोह उस वक्त भी दिखाई दिया जब वे जेल में थे। भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने के बावजूद कुर्सी ना छोड़ने वाले, वे देश के पहले मुख्यमंत्री बने। दिल्ली वालों के बीच इस बात की खूब चर्चा है कि जो आदमी कुर्सी की खातिर अपनी बेटी की खाई हुई कसम का मान नहीं रख पाया, वह जेल जाने के बाद कुर्सी छोड़कर अपने सम्मान का मान क्या रखेगा?अब सवाल यह है कि दिल्ली की जनता ने बार बार आम आदमी पार्टी को दिल्ली में क्यों चुना? इसकी सबसे बड़ी वजह जो सामने निकल कर आई, वह यह है कि पार्टी का चाल, चेहरा, चरित्र जनता को नहीं पता था। दिल्ली के लोग इसलिए भी धोखा खा गए क्योंकि पार्टी में कोई भी चेहरा ऐसा नहीं था, जिसकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि हो। सब नए चेहरे थे। आंदोलन के समय जुड़े एक एक व्यक्ति को अरविन्द ने पार्टी से बाहर किया। मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, सतेन्द्र जैन जैसे कुछ पुराने लोग बचे थे तो उनके लिए जेल जाने का रास्ता खुलवाया। अब स्वाति मालिवाल के लिए भी बाहर जाने का रास्ता केजरीवाल ने खोल दिया है। मतलब अरविन्द को आम आदमी पार्टी के अंदर एक तानाशाह की तरह, एक एक चीज अपने नियंत्रण में चाहिए।

अब दिल्ली को लग रहा है कि गलती हुई है। उन्होंने गलत व्यक्ति को चुन लिया। दिल्ली की सोच थी कि यह लोग गैर राजनीति वाले हैं। यह जब राजनीति में आएंगे तो राजनीति का चेहरा बदलेगा। कुछ नहीं बदला। बल्कि ‘आम आदमी’ के मुखौटे में लिपटा एक तानाशाह दिल्ली को मिल गया। जिसे रेफरेंडम का ख्याल सिर्फ जनता को धोखा देने के लिए आता है। आम आदमी पार्टी ने कभी इस बात पर रेफरेंडम नहीं कराया कि उनके मुख्यमंत्री को शीश महल में रहना चाहिए या माडल टाउन के टू-बीएचके में? उन्होंने कभी रेफरेंडम नहीं कराया कि उनके नेताओं को मोहल्ला क्लीनिक में इलाज कराना चाहिए या फिर लंदन जाकर? उन्होंने कभी रेफरेंडम नहीं कराया कि दिल्ली सरकार के नेताओं के बच्चों को कथित तौर पर देश के सर्वश्रेष्ठ दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ना चाहिए या फिर लाखों रूपये का चंदा देकर दाखिला देने वाले पब्लिक स्कूलों में? यह सब दिल्ली की जनता के सवाल थे लेकिन रेफरेंडम नहीं हुआ। धोखा सिर्फ दिल्ली वालों के साथ नहीं हुआ। धोखा तो उन अन्ना हजारे के साथ भी हुआ, जिन्होंने केजरीवाल को विश्वव्यापी पहचान दिलवाई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Poll

क्या आप \"madhuheerrajasthan\" की खबरों से संतुष्ट हैं?

weather

NEW YORK WEATHER

राजस्थान के जिले