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हर मामले में खटाखट – खटाखट बोलने वाले विपक्षी नेता सांसद स्वाति मालीवाल के मामले में चुप क्यों है

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मधुहीर राजस्थान

अशोक भाटिया,

वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार ,लेखक,  एवं टिप्पणीकार

राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ कथित मारपीट मामले पर उसके विरोध में चार दिन बाद  आम आदमी पार्टी खुलकर सामने आ गई है। सौरभ भारद्वाज के ट्वीट और आतिशी की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस ने क्लियर कर दिया है कि पार्टी बिभव कुमार के साथ खड़ी है। पर इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुप्पी हैरानगी भरी है। अरविंद केजरीवाल जैसी शख्सियत से इस मुद्दे को लेकर उनका अब तक कुछ न बोलना आम आदमी पार्टी ही नहीं, दूसरी पार्टियों और राजनीतिक विश्लेषकों को भी समझ में नहीं आ रहा है।

अगर अरविंद केजरवाल ने घटना वाले दिन ही सामने आकर मोर्चा संभाल लिया होता तो शायद ये नौबत नहीं आती। पूरे प्रकरण के बीच संजय सिंह की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस जिसमें बिभव को दोषी बताया गया था वो बेवजह साबित हुई। इन सबके बीच लोगों को कयासबाजी का मौका मिल गया है। शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी यही सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह अविश्वसनीय और अस्वीकार्य है कि अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल पर हमले को लेकर एक शब्द भी नहीं बोला।

हर मामले में खटाखट -खटाखट बोलने वाले अरविंद केजरीवाल 13 मई के दिन घटना वाले दिन मामले पर बोलकर इस घटना का पटाक्षेप कर सकते थे। लेकिन उन्‍होंने उस दिन कुछ नहीं बोला। यह कहा जा सकता है कि वे इस मामले को तूल नहीं देना चाहते हों। ऐसे मौकों पर ये पॉलिसी ठीक भी होती है। पर अपनी ही पार्टी की एक सांसद जो मुख्यमंत्री के निजी सचिव पर हमला करने का आरोप लगा रही है और यहां तक कह रही है कि यह सब उनके ही कहने पर हुआ, उसे इस तरह नजरअंदाज करना कहां तक सही था। उसी दिन अरविंद केजरीवाल अगर सामने आकर स्वाति मालीवाल और बिभव कुमार को सस्पेंड कर देते तो शायद मामला इतना तूल नहीं पकड़ता। सबसे बड़ी बात कि मामला आगे बढ़ता भी तो इसमें अरविंद केजरीवाल की छवि पर आंच नहीं आती।

16 मई को वह समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के साथ संवाददाता सम्मेलन के लिए लखनऊ पहुंचे थे। इस दौरान भी उनके पास मौका  था कि वो कहानी का पटाक्षेप कर देते। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब इस घटना के बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब न देकर माइक अखिलेश यादव की तरफ बड़ा दिया और अखिलेश यादव ने बात पलट दी ।

ये बहुत सामान्य सी बात है और कोई भी समझ सकता है कि एक तरफ तो पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके कहते हैं कि मुख्यमंत्री हाउस में उस दिन मारपीट हुई थी और बिभव कुमार को उसकी सजा मिलेगी। उसके बावजूद कोई एक्शन नहीं लिया जाता है। बल्कि दो दिन बाद संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल के साथ बिभव कुमार लखनऊ में दिखाई देते हैं। अगर पार्टी को ऐसा लग रहा था कि बिभव कुमार की गलती नहीं है और उनको बचाना ही था तो फिर संजय सिंह को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस क्यों करने दिया गया? सवाल उठता है कि क्या संजय सिंह ने अपने मन से प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके बिभव कुमार को दोषी करार दे दिया? अगर ऐसा नहीं है तो फिर 2 दिन बाद ही बिभव कुमार के साथ पब्लिक के सामने आने की क्या जरूरत थी? बिभव को कुछ दिनों के लिए अंडरग्राउंड कर देना चाहिए था। ऐन चुनावों के मौके पर यह सब जानबूझकर करने की बात तो हजम नहीं होती। ये भी हजम नहीं होता है कि अनायास यह सब हो गया या गलती से ऐसा हो गया? अरविंद केजरीवाल जो कि एक एक कदम सोच विचार कर कदम रखते हैं और जनता से पूछकर कर चलते हैं , वो ऐसी गलती कैसे करेंगे? ये कोई नहीं मान सकता। ऐसे माहौल में अगर अरविंद केजरीवाल हमेशा की तरह सामने आकर बोलते तो कोई शक-शुबहा रह ही नहीं जाता। पब्लिक मान लेती कि पार्टी के दो लोगों की लड़ाई है और झगड़ा आपस में सुलझा लिया जाएगा।

राजनीतिक हल्कों में ही नहीं आम लोगों में भी एक कयास यह लगाया जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी को राज्यसभा भेजना चाहते हैं। इसके लिए स्वाति मालीवाल से कहा गया कि वो अपनी सीट छोड़ दें। मालीवाल यही बात करने मुख्यमंत्री हाउस गईं थीं। हालांकि इस घटना के बाद अभी तक स्वाति मालीवाल ने किसी से ऐसी बात नहीं की है। इसलिए सही क्या है यो कोई नहीं जानता। अरविंद केजरीवाल की चुप्पी से इस तरह के कयासों को हवा मिल रही है।

इसी तरह एक बात यह भी कही जा रही है कि अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने बिभव कुमार से स्वाति मालीवाल को पिटवाया। भाजपा नेता मनिंदर जीत सिंह सिरसा जो कभी आम आदमी पार्टी के नेता होते थे उन्होंने अपने ट्वि‍टर हैंडल पर एक विडियो पोस्ट किया है। उसमे वो कह रह हैं कि स्वाति मालीवाल जी को किसी और ने नहीं बल्कि सुनीता केजरीवाल जी ने पिटवाया ,  मुझे यह जानकारी आम आदमी पार्टी के बड़े सीनियर नेता ने दी है और मैं बड़ी ज़िम्मेवारी के साथ ये बता रहा हूँ! अपनी धर्मपत्नी को बचाने की ख़ातिर केजरीवाल जी अपने निजी सहायक विभव कुमार के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। औरतों के लिए बड़ी बड़ी बातें करने वाले केजरीवाल जी राजनीति के मोह में किस कदर गिर चुके हैं।’

दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी एक बहुत बड़ी हैसियत बन चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के बाद संभवतया पूरे देश में सबसे अधिक चर्चा अरविंद केजरीवाल की ही होती है।अरविंद केजरीवाल की चुप्पी के चलते दिल्ली की जनता में गलत मैसेज जा रहा है। मुख्यमंत्री हाऊस में घटी इस घटना के बारे में अगर मुख्यमंत्री नहीं बोलेगा तो जनता में संदेह तो पैदा होगा ही। सबसे पहले तो महिलाओं के प्रति आम आदमी पार्टी का जो नजरिया रहा है उसमें पलीता लग रहा है। अभी तक जनता जानना चाहती थी कि बिभव कुमार पर एक्शन क्यों नहीं हो रहा है? पर अब अचानक बिभव कुमार के पक्ष में पार्टी के खड़े होने से नए तरह के सवाल लोगों के मन में खड़े हो रहे हैं। सवाल यह उठता है कि क्या अरविंद केजरीवाल की चुप्पी से ये सवाल दब जाएंगे? क्या इस चुप्पी से पार्टी का नुकसान नहीं होगा? अब दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए केवल 6 दिन बचे हैं ।ऐसे मौके पर यह चुप्पी पार्टी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

बताया जाता है कि इस कथित बदतमीजी और मारपीट की घटना का असर राजनीतिक हलकों में अब काफी दूर तक देखने को मिल रहा है। इस घटना के बाद से ‘इंडी’ गठबंधन के कई सहयोगी दलों ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दूरी बनाना शुरू कर दिया है। जिसमें कांग्रेस पार्टी भी शामिल है। कांग्रेस का दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन है, मगर अब उसके बड़े नेता केजरीवाल के साथ प्रचार करने से बचने लगे हैं। इसके संकेत आने वाले वक्त में और साफ-साफ दिखाई देने वाले हैं।

एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के प्रवक्ता जयराम रमेश से जब अरव‍िंद केजरीवाल और स्वाति मालीवाल से जुड़े सवाल पूछे गए तो उन्होंने इनको टाल दिया। जयराम रमेश ब्रीफिंग में इन सवालों को टालते रहे केवल पर्यावरण से जुड़े सवालों का जवाब दिया। इसके साथ ही महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की एक बड़ी रैली में राहुल गांधी शाम‍िल नहीं हुए  हैं। कांग्रेस का कहना था  क‍ि वह मुंबई में पहले प्रचार कर चुके हैं। कांग्रेस से पार्टी के अध्यक्ष मल्‍ल‍िकार्जुन खड़गे शाम‍िल हुए ।

सबसे बड़ी बात तो ये है कि आज  दिल्ली में होने वाली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को न्यौता नहीं भेजा गया है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। मगर कांग्रेस ने विवादों के बीच केजरीवाल से किनारा कर लिया है। जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कल 6 जनसभाएं हैं। जिनमें वे पश्चिमी दिल्ली से उम्मीदवार महाबल मिश्रा के लिए प्रचार करने वाले हैं। इससे पहले अरव‍िंद केजरीवाल ने आप  के सांसदों के ल‍िए प्रचार क‍िया है।

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा स्वाति मालीवाल के साथ कथित अभद्रता को लेकर कहा कि यह ‘आप’ का अंदरूनी मसला है और इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही कोई फैसला लेंगे। प्रियंका ने कहा कि ‘किसी भी महिला के साथ अभद्र व्यवहार हो, कोई भी अत्याचार हो तो मैं उस महिला के पक्ष में खड़ी हूं और बोलूंगी।’

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