श्रीराम जानकी सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह में सर्व हिंदू समाज के 21 जोड़े परिणय सूत्र में बंधें, गर्मी में भी व्यवस्थाएं रही बेहतरीन
मधुहीर राजस्थान
जोधपुर। सेवा भारती समिति जोधपुर की ओर श्रीराम जानकी सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह 2024 का आयोजन गुरुवार को विक्रम संवत् 2081 बुद्ध पूर्णिमा को आदर्श विद्या मंदिर केशव परिसर, कमला नेहरू नगर में आयोजित हुआ। विवाह समारोह में 21 जोड़े परिणय सूत्र में बंधकर सात जन्मों तक साथ रहने का वचन निभाया। आयोजन के माध्यम से लोगों को सामाजिक समरसता, सादगी व समर्पण का संदेश दिया गया। आयोजन में विभिन्न समाज, समुदाय के लोग सम्मिलित हुए। सभी ने साथ बैठकर भोजन किया। सामूहिक विवाह सम्मेलन में पाणिग्रहण से पहले सामूहिक मंत्रोच्चार के साथ गणेश पूजन का कार्यक्रम हुआ। वर-वधू पर सेवा भारती की महिला कार्यकर्ताओं ने पुष्प वर्षा की। इस दौरान बड़ी संख्या में वर-वधू पक्ष के लोगों के साथ ही समाज के गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। तोरण के बाद सभी जोड़े मंच पर पहुंचे, जहां एक एक कर सभी के वरमाला संस्कार का आयोजन हुआ। समिति के महामंत्री राजेंद्र पालीवाल ने बताया कि विवाह समारोह में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय सेवा भारती अध्यक्ष पन्नालाल भंसाली ने संबोधित करते हुए कहा कि वंचितों को शिक्षा व स्वावलम्बन जैसे सेवा के अनेक कार्यों के साथ ही सेवा भारती प्रति वर्ष श्रीराम जानकी सर्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन करके समाज में लोगों को कई प्रकार के संदेश देते हैं। जैसे समाज में वंचित व गरीब वर्ग के लोग भी अकेले नहीं हैं। समाज व संगठन उनके साथ खड़ा है। सर्व समाज को समरस होना है। प्रत्येक वर-वधू को भी अब सामाजिक समरसता के लिए काम करने का संकल्प लेना है।
मजबूत रिश्ते और मजबूत समाज के निर्माण में एकता विशेष महत्व रखता
समारोह के आतिथ्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघ चालक हरदयाल वर्मा ने कहा कि सामाजिक एकता का अर्थ है जाति, धर्म, वर्ण से ऊपर उठकर एक साथ रहना। सामाजिक एकता विपरीत परिस्थिति में भी एक दूसरे को मदद करने के लिए प्रेरित करता है। एकजुट रहना, मजबूत रिश्ते और मजबूत समाज के निर्माण में एकता विशेष महत्व रखता है। विभिन्नता से परिपूर्ण देश के लिए सामाजिक एकता महत्वपूर्ण अंग है। सामाजिक एकता और समरसता प्रत्येक व्यक्ति तथा समाज में जागृत हो सके इसलिए एक दूसरे के लिए सहायता एवं समर्थन के लिए आगे आए। समिति की अध्यक्षा करते हुए श्रीमती लीला मुंदड़ा ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम उस हर कार्यक्रम की चमक को फीका कर देते हैं जिन्हें करोड़ों रुपए खर्च कर किया जाता है। सामूहिक विवाह समारोह के दौरान ऊंच-नीच के भेदभाव तथा जात-पात के समस्त भेदभाव को समाप्त कर एक छत के नीचे समान भाव से विवाह बंधन में बांधना अपने आप में ही अनोखा काम है। समिति के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने बताया कि सभी बाराते जूना खेड़ापति हनुमानजी मंदिर से रवाना होकर आखलिया चौराह होते हुए विवाह स्थल केशव परिसर में पहुंची। इस दौरान विभिन्न स्थानों पर सर्व समाज के पदाधिकारियों की ओर से बारातियों का स्वागत किया गया। वर-वधू को भगवान श्री राम लला की प्रतिमाएं भेंट करके आशीर्वाद दिया।
वर वधू को शपथ दिलवाई
समिति के उपाध्यक्ष नथमल पालीवाल ने बताया कि विधिविधान हिन्दू रीतिरिवाज के वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ 21 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। प्रचार प्रमुख महेश सारस्वत ने बताया कि विवाह समारोह के मुख्य पंडित राजेश दवे ने सभी वर वधू को नशामुक्त, बेटी बचाओ व समाजसेवा की शपथ दिलवाई।
संघ के स्वयंसेवकों की मेहनत से गर्मी में भी व्यवस्था रही चाक चौबंद-
जहां एक तरफ शहर में गर्मी उफान पर है। वहीं सर्व जातीय सामूहिक विवाह समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व सेवा भारती से जुड़े हजारों कार्यकर्ता ने व्यवस्थाओं को इस प्रकार से संभाला कि विवाह समारोह में बाराती बनकर आए मेहमानों को हर वो सुविधाएं उपलब्ध करवाई जो घरेलू विवाह में होती है। मेहमानों ने व्यवस्था को देखकर कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाते हुए तारीफ की। वहीं अगले 2025 में बसंत पंचमी पर होने वाले सामूहिक विवाह समारोह के लिए समाजसेवी निर्मल गहलोत के अध्यक्ष की घोषणा हुई।
यह भी रहे उपस्थित
इस मौके पर संघ के वरिष्ठ प्रचारक व सेवा भारती के राष्ट्रीय अधिकारी मूलचंद सोनी, राजस्थान के सामाजिक समरसता प्रमुख तुलसी नारायण, सीमा जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक मुरलीधर, विद्या भारती के प्रांत सचिव महेंद्र दवे, महानगर संघ चालक प्रकाश जीरावला, विभाग प्रचारक मंगलाराम, सेवा भारती के संगठन मंत्री स्वरूपदान, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा, सेवा भारती के प्रांत अध्यक्ष नंदलाल भाटी, समाजसेवी निर्मल गहलोत,मोहन करवा, राकेश सुराणा, किशन गहलोत, रतनलाल गुप्ता, चेतनलाल सोनी, नथमल पालीवाल, गोविंद किशोर खेतावत, जितेंद्र गौड़, शशि मनिहार, विमलेश गोयल, ज्ञानबाला दवे, उषा जैसलमेरिया, हिमाद्री सोनी, शैलाराम सारण, अशोक बाहेती, सुरेश बिश्नोई, खींवराज जांगिड़, राधेश्याम वैष्णव, राजेन्द्र सालेचा, राजेन्द्र राठी, राजाराम चौधरी, उत्तम गिरी, यशपाल गोधा, डॉ.अनिल बिश्नोई, अमित पाराशर, नेमाराम, सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
