बाल श्रम समाप्त कर बच्चों को दे विकास के नये अवसर – सिद्धार्थ दीप
मधुहीर राजस्थान
बालोतरा (अशरफ मारोठी)। माननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार जारी एक्शन प्लान के तहत विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की पूर्व संध्या के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बालोतरा के तत्वावधान में मंगलवार को लघु उद्योग मंडल परिसर में प्राधिकरण के सचिव सिद्धार्थ दीप द्वारा जागरूकता शिविर का किया आयोजन। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य बाल श्रम की कुरीति को मिटाना और बालकों के अधिकारों के प्रति जागरुकता बढ़ाना है। शिविर को संबोधित करते हुए प्राधिकरण के सचिव सिद्धार्थ दीप ने बाल श्रम की कुरीतियों पर प्रकाश डाला और उपस्थित लोगों से बाल श्रम को समाप्त करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि बाल श्रम न केवल अपराध है बल्कि यह एक गंभीर सामाजिक बुराई है। जो न केवल बच्चों के बचपन को छीन लेती है, बल्कि यह बच्चों के विकास और शिक्षा के अवसरों को भी छीन लेता है। बाल श्रम करने वाले बच्चे अक्सर खतरनाक परिस्थितियों में काम करने को मजबूर होते हैं, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर खतरा होता है। हमें यह याद रखना चाहिए कि हर बच्चा शिक्षा प्राप्त करने और सुरक्षित वातावरण में खेलने – कूदने का हकदार है। बाल श्रम को खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि हम अपने आसपास बाल श्रम देखने पर इसकी सूचना अधिकारियों को दे सकते हैं और अपने आसपास के लोगों को भी बाल श्रम के खिलाफ जागरूक कर सकते हैं। शिविर में यह भी बताया गया कि प्राधिकरण द्वारा वंचित वर्गों के बच्चों को शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने उपस्थित लोगों को इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही माननीय नालसा और रालसा द्वारा संचालित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में अवगत करवाया तथा आगामी इस वर्ष की द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत 13 जुलाई का भी किया प्रचार-प्रसार। इस शिविर में बाल श्रम विभाग इंस्पेक्टर हरिप्रसाद, सीईपीटी के अध्यक्ष रूपचंद, बालोतरा उद्योग मंडल के सचिव कमलेश चोपड़ा, बाल संरक्षण आयोग की संस्थाएं तथा बड़ी संख्या में बालोतरा क्षेत्र के उद्योगपति उपस्थित रहे।
