मधुहीर राजस्थान
जोधपुर। राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान एनआईएच के उत्तर पश्चिमी क्षेत्रीय केंद्र और केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान काजरी जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में 24 से 28 जून 2024 तक जल विज्ञान मॉडलिंग पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का काजरी में शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम में देश भर से जल एवं कृषि प्रबंधन क्षेत्र के वैज्ञानिक, इंजीनियर, प्राध्यापक, शोधकर्ता और अन्य हितधारक भाग ले रहे हैं। उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि काजरी निदेशक डॉ. ओ. पी. यादव ने कृषि क्षेत्र में जल विज्ञान मॉडलिंग के महत्व पर विशेष जोर दिया, खासकर फसल उत्पादन, सिंचाई प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के आकलन में कृषि जल प्रबंधन के उपयोग पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के आरम्भ में एनआईएच के वैज्ञानिक, डॉ. सौरभ नेमा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों, तथा प्रशिक्षण के उद्देश्यों और विषयों पर प्रकाश डाला। एनआईएच
रुड़की के वैज्ञानिक, डॉ. मनीष नेमा ने जल संसाधन प्रबंधन में हाइड्रोलॉजिकल मॉडलिंग तकनीक के प्रभावी उपयोग और क्षमता निर्माण पर चर्चा की। कार्यक्रम के संयोजक एवं काजरी के विभागाध्यक्ष, डॉ. प्रियब्रत सांतरा ने जल संसाधनों की समझ और कृषि जल प्रबंधन में जल विज्ञान मॉडलिंग के महत्व को रेखांकित किया। प्रशिक्षण समन्वयक श्री मलखान सिंह जाटव वैज्ञानिक एनआईएच, श्री दिलीप बर्मन वैज्ञानिक एनआईएच और डॉ.
दीपेश माचीवाल प्रधान वैज्ञानिक काजरी के योगदान से कार्यक्रम का सफल आयोजन संभव हुआ। अंत में मुख्य अतिथि, प्रशिक्षण संयोजक, वक्ताओं, अतिथि वैज्ञानिक, सहयोगी स्टाफ और प्रतिभागियों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
