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मां की सेवा, पत्नी के जीवन संगिनी धर्म व अपनों की दुआओं को दिया गुर्जर ने श्रेय
मधुहीर राजस्थान
मारवाड़ जंक्शन ( जगदीशसिंह सिसोदिया नारलाई )। शहर के प्रतिष्ठित व नागरिक रामचंद्र गुर्जर के छोटे पुत्र जयकुमार गुर्जर (सीटीआई) की किडनी खराब होने के बाद उनकी धर्मपत्नी सीमा देवी गुर्जर ने पतिव्रता धर्म निभाते हुए अपने जीवनसाथी को अपनी एक किडनी देकर नया जीवनदान दिया । जयकुमार गुर्जर को धर्मपत्नी द्वारा दी गई किडनी की चर्चा संपूर्ण क्षेत्र में फैल चुकी है। जयकुमार गुर्जर बहुत ही सरल मृदुल व्यवहार के धनी है और उनकी किडनी के बारे में जब से लोगों को पता चला तब से सभी जाति वर्ग के महिला, पुरुष व बच्चे उनके नए जीवन की प्रार्थना कर रहे थे , इधर गुर्जर की धर्मपत्नी सीमा देवी गुर्जर ने पति के ऑपरेशन से पूर्व अपने पति को हिम्मत दिलाई और कहां था कि मैंने आपसे सात फेरे लेकर यह वचन दिया था कि जीवन के हर सुख दुःख में साथ दुंगी और अब जब यह वक्त आ गया है तो सात फेरों के वचनों को निभाकर एक सच्ची धर्मपत्नी होने का फर्ज निभाऊंगी और मेरी एक किडनी आपको देकर जीवन संगिनी होने का फर्ज निभाऊंगी । आखिर अहमदाबाद में लंबे समय तक चले ईलाज के बाद धर्मपत्नी की किडनी जयकुमार गुर्जर को ट्रांसफर कर दी गई। अब दोनों पति-पत्नी एकदम स्वस्थ हैं।
इधर जय कुमार गुर्जर ने बताया कि माता-पिता की सेवा कभी खाली नहीं जाती है और विशेषकर मेरी बुजुर्ग मां ने मुझे आशीर्वाद दिया था कि बेटा तु एकदम ठीक होकर घर लौटेगा और आज मैं बिल्कुल स्वस्थ हूं, जल्द ही अपनों के बीच वापस आऊंगा उन्होंने यह भी बताया कि मेरे नए जीवनदान में मेरे माता-पिता मेरी धर्मपत्नी व अपनों के द्वारा की गई प्रार्थना अहम रही। आधुनिक श्रवण कुमार बेटे यश छाबड़ा के बारे में जयकुमार गुर्जर ने कहा कि पिता को नया जीवनदान दिलवाने में बेटे की अहम भूमिका रही और रात और दिन वह लगातार 6 महीने तक अपने पिता को नया जीवनदान दिलवाने के लिए पूर्ण रूप से समर्पित रहा । इसी प्रकार सर्व प्रथम ईश्वर और गोदावास माताजी में असीम आस्था जिनके बिना यह संभव नहीं था। सबके साथ मधुर संबंध, सभी मित्रो, परिजनों की प्रार्थना और शुभकामनाओं का फल मिला।
