मधुहीर राजस्थान
जैसलमेर। जिले की फतेहगढ़ तहसील के साँवता गाँव में श्री देगराय मंदिर ओरण में मौजूद 5सौ वर्ष प्राचीन मणीहारा तले में मौजूद एक कुँए का श्री देगराय मंदिर व ओरण विकास संस्था, आई लव फाउंडेशन, फीयरलेस फाउंडेशन व टीम ओरण के संयुक्त सहयोग से सफाई व जीर्णोद्धार करवाया गया है। ग्रामीणों के अनुसार इस प्राचीन तले में मौजूद 4 कुँओं के जल से श्री देगराय ओरण क्षेत्र के आसपास के 12 गाँवो के वाशिदो और मवेशीयों को जल प्राप्त होता था। लेकिन पिछले 4-5 दशकों से इनका उपयोग बन्द हो रखा था।
पिछले कुछ वर्षों में लगातार पानी की आपूर्ति में बाधाओं व जल की कमी के कारण ग्रामीणों ने इन तलों को पुनः सफाई कर प्रारम्भ करने की ठानी, जिसमें उपरोक्त संस्थाओ व ग्रामीणों ने सहयोग कर एक कुँए को पुनः साफ कर जीर्णोद्धारीत किया है। आई लव जैसलमेर के सवाईसिंह ने बताया की ” इस पहल के पहले चरण में 1सौ 50 फीट गहरे खुले कुए को कुल 2 सौ 80 श्रम घंटो में लगभग 10 टन मलबा निकाल कर सम्पूर्ण साफ़ किया।” इस पहल की शुरुआत मार्च-अप्रैल में आयोजित ‘एबंडेंस’ कार्यक्रम से हुई थी जिसमे ओरणों, उनसे जुड़े जल संसाधनों और पर्यावरण संरक्षण को लेकर फीयरलेस फाउंडेशन फॉर दी आर्ट्स और आई लव जैसलमेर द्वारा साँवता गाँव की महिलाओं के साथ कम्युनिटी कला कार्यशाला भी आयोजित की गयी थी।
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चित्रकार शाईलो शिव सुलेमान- फाउंडर फियरलेस ग्रुप ने कहा “ओरण संरक्षण और जल सुरक्षा के लिए जैसलमेर में चल रहे मुहीम को आगे बढ़ाने एवं पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं की आवाज़ को सशक्त करने के लिए फीयरलेस फाउंडेशन और आई लव जैसलमेर एक जुट हो कर इस पहल के लिए आगे आया है जिसमे शाईलो की मित्र अरण्यनि ने भी सहयोग किया है। पर्यावरणविद सुमेरसिंह ने कहा “की इन कुओं से हजारों पशुओं का जीवन यापन निर्भर रहा है, हमें इस साल भीषण गर्मी में पानी की कीमत का पता चला, हम पुराने जल स्रोतो को पुनः विस्थापित कर पानी की समस्या को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं।
