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मधुहीर राजस्थान
पाली ( जगदीशसिंह सिसोदिया नारलाई )। शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान के तहत चिकित्सा विभाग ने बुधवार को जिले के सुमेरपुर में दो स्थानों पर कार्रवाई को अंजाम दिया। कार्रवाई के दौरान टीम ने नकली घी के संदेह पर कुल 2200 लीटर घी जब्त कर सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला में भिजवाया गया। आमजन को शुद्ध एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से “शुद्ध आहार – मिलावट पर वार“ अभियान के तहत अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती शुभ्रा सिंह के निर्देशानुसार बुधवार को सुमेरपुर में पाली सीएमएचओ डॉ विकास मारवाल के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा दल ने सुमेरपुर कस्बे में कन्हैया ट्रेडर्स पर नकली घी के संदेह पर 1630 लीटर तथा मधुर ट्रेडर्स पर नकली घी के संदेह पर 570 लीटर घी श्री मूल ब्रांड देसी घी के नाम से बेच रहे घी को जब्त कर सैंपल लेकर नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भिजवाए गए।
बुधवार को की गई कारवाई में पाली सीएमएचओ डॉ विकास मारवाल, सुमेरपुर बीसीएमओ डॉ गोविन्द सिंह चुंडावत, खाद्य सुरक्षा अधिकारी नारायण सिंह इंदा, सुमेरपुर बीपीएम प्रमोद गिरी, सवाई सिंह, लक्ष्मण दान चारण भी साथ रहे। गौरतलब है कि आमजन को शुद्ध आहार मिले, इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह मुस्तैद है।
जिले के विभिन्न क्षेत्रों में विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारी नियमित रूप से निरीक्षण करते हुए खाद्य पदार्थ के सैंपल ले रहे हैं। साथ ही आमजन को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 तथा खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। पाली सीएमएचओ डॉ विकास मारवाल ने जिले के व्यापारियों से अपील की कि वे सरकार के नियमों का पालन कर अपना व्यापार करें। उन्होंने बताया कि प्रायः देखने में आया है कि बहुत से फ़ूड वेंडर फ़ूड लाइसेंस के स्थान पर फ़ूड रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। जो कि नियम विरुद्ध है। उल्लेखनीय है कि जिन खाद्य विक्रेताओं का वार्षिक बिक्री 12 लाख से अधिक है उन विक्रेताओं का खाद्य लाइसेंस लेना अनिवार्य है तथा 12 लाख से कम बिक्री वाले खाद्य विक्रेताओं को फ़ूड रजिस्ट्रेशन जारी किया जाता है। ऐसे विक्रेता जिन्होंने फ़ूड लाइसेंस के स्थान पर फ़ूड रजिस्ट्रेशन ले रखा है और वार्षिक बिक्री 12 लाख से अधिक है वो सभी नियमानुसार लाइसेंस प्राप्त कर लेंवे अन्यथा नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी ।
