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बीकानेर: बारिश से बीकानेर बेहाल, दर्जनों गांव में बाढ़ जैसे हालात, नोखा, लूणकरणसर, देशनोक और कोलायत अधिक प्रभावित

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मधुहीर राजस्थान
बीकानेर। यूं प्रदेशभर में ही इस बार अच्छी बारिश हुई है. पर आम तौर पर कम बारिश के लिए पहचाने जाने वाले बीकानेर में इन्द्रदेव की अति मेहरबानी ने यहां की जनता को साँसत में ला दिया. शहर से लेकर गाँव तक पानी पानी नज़र आया और प्रशासन की व्यवस्था पानी पानी. बदइंतजामी ने निगम और प्रशासन की पोल खोलकर रख दी. दर्जनों गांवों में बाढ़ जैसे हालात दिखे तो शहर में सड़के दरिया नज़र आई. सावन के माह में बीकानेर में अगर बादल भी नज़र आ जाएं तो लोग ख़ुश हो जाते हैं हल्की फुल्की फुहार उनका दिन बना देती है, लेकिन इस बार तो इन्द्रदेव की ऐसी मेहरबानी हुई कि बीकानेर ज़िले में पानी ही पानी नज़र आया. गांवों को छोड़ के शहर में भी हालात बदतर हो गए.रेलवे स्टेशन पानी में डूबा तो संभाग के सबसे बड़े अस्पताल के ट्रॉमा की छत बारिश के चलते गिर गई.अस्पताल में जाने के लिए तो मानो जूझना पड़ रहा था .ऐसे समय में नगर निगम आयुक्त का लंबा अवकाश मानो कोढ़ में खाज का काम कर रहा था. हालात इतने विकट नज़र आए कि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल के पैतृक गाँव में भी भाजपा नेताओं ने प्रशासन के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी कर डाली .हालाँकि बाद में प्रशासन चेता. संभागीय आयुक्त ,IG ,कलेक्टर और SP फिल्ड में उतरे लेकिन तब तक शायद देर हो चुकी थी .ऐसे में लोगों का ग़ुस्सा भी सड़क पर नज़र आ रहा था.सामाजिक कार्यकर्ता आदर्श शर्मा कहते हैं कि प्रशासन बहुत लेट चेता तो वहीं कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बिशनाराम सियाग ने तो बिल्कुल ही नकारा बता दिया.

बीकानेर शहर के गिनानी ,मदन विहार, बजरंग विहार मुक्ता प्रसाद और भीनासर जैसे इलाकों में तो बारिश के पानी के चलते बुरे हाल थे वहीं शहर के अंदरूनी हिस्से में भी सड़कें दरिया बनी हुई थी ज़्यादातर लोग नगर निगम को कोसते नज़र आयी हालाँकि बाद में मेयर सुशीला कंवर भी सक्रिय हुई सूरसागर देखने भी पहुँची और कुछ बातें भी कही लेकिन बीकानेर की जनता नगर निगम की कार्यशैली को लेकर मेयर के इन जवाबों से शायद ही संतुष्ट हो. बीकानेर शहर बारिश से बेहाल था अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि गाँव में क्या गत हुई होगी.बहुत सारे गाँवों से ख़बरें आई. कहीं स्कूल के कमरे गिर गए कहीं ग़रीब का कच्चा मकान ,इस बारिश की भेंट चढ़ गया .कुछ गांवों में तो हालात बाढ़ जैसे हो गए. हालांकि शहर के जनप्रतिनिधियों के बजाय गाँव में ज़्यादा सक्रिय दिखे देहात कांग्रेस ज़िलाध्यक्ष बिशनाराम पानी के बीच जायज़ा लेने पहुँचे.कोलायत के विधायक अंशुमान सिंह भाटी सुबह से ही नज़र आए. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर चुनौती है लेकिन हमने प्रशासन से बात की है. बीकानेर ज़िले के दर्जनों गाँव में बारिश के पानी के चलते बाढ़ जैसे हालात हैं. देश में ऐसे क़स्बे में लोगों के लिए मुश्किल नज़र आ रही है तो वहीं नोखा , लूणकरणसर, कोलायत में भी कमोबेश यही स्थिति है अगर समय रहते पानी की निकासी संभव नहीं हो पाई तो नुक़सान और भी बढ़ सकता है.कई कच्चे मकान गिर चुके हैं और जगह पानी भरा के चलते हादसे का डर भी है ऐसे में ज़रूरी है कि प्रशासन अब कम से कम चौकन्ना रहे.

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