मधुहीर राजस्थान
जोधपुर। अरुणोदय ज्योतिष हस्तरेखा एवं वास्तु परामर्श संस्थान की अध्यक्ष सपना सारस्वत ने बताया कि इस बार 19 अगस्त 2024 सोमवार रक्षाबंधन का त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जायेगा। इस वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ मध्यरात्रि 3 बजकर 4 मिनट से प्रारम्भ हो कर 19 अगस्त को रात्रि को 11 बजकर 55 मिनट पर हि समाप्त होगी।
इस बार भद्रा का साया कुछ क्षण का ही रहेगा।
रक्षाबंधन पर भद्रा का साया पूँछ में रहेगा जो 9 बजकर 51 मिनिट सुबह से 10 बजकर 53 मिनट तक व भद्रा का साया मुख में 10 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 37 मिनट दोपहर तक रहेगा। भद्र काल – पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ के साथ भद्रा की शुरुआत व भद्रकाल की समाप्ति 19 अगस्त 2024 को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर होगी।
रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय 1:33 मिनट दोपहर से 9:08 मिनट शाम तक रहेगा।
रक्षाबंधन मुहूर्त –
अपराह्न – 1:43 मिनट दोपहर से 4:20 मिनट दोपहर तक
प्रदोष काल – संध्या समय 6:56 मिनट से रात्रि 9:08 मिनट तक।
सपना सारस्वत ने बताया की भाई बहन का यह त्यौहार बड़े ही उत्सुकता हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षो से आम जानता में भद्रा के साया को लेकर के एक अलग तरह से असमंजस की स्थिति रहती है। ये त्यौहार भाई बहन के प्रेम ओर रक्षा का प्रतिक है अतः सपना सारस्वत का मानना है की प्रेम और रक्षा के इस पर्व को भाई बहन बहुत ही प्रेम से हँसी खुशी से मनाये। जब बहने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधे तो सर्वप्रथम मौली का धागा बांध कर फिर राखी बांधे। राखी बाँधने के समय इस मंत्र का बहने मन में उचारण करे – येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबला: तेन त्वामनुबध्नामी रखे माँ चल माँ चल।
अर्थार्त जिस रक्षा सूत्र से महान शक्ति शाली दानवेन्द्र राजा बली को बाँधा गया था, उसी रक्षा सूत्र से मैं तुम्हें बाँधती हु , जो तुम्हारी रक्षा करेगा। हे रक्षे (रक्षा सूत्र) तुम चलाय मान न हो, चलाय मान न हो।
सारस्वत ने बताया की अगर किसी कारणवश बहने मुहूर्त के समय रक्षा सूत्र भाइयो के नही बाँध सके तो बहने प्रथम पूजनीय श्री गणेश जी को रक्षा सूत्र बाँधने के पश्चात अपने भाइयो को राखी बांध सकती है।
