मधुहीर राजस्थान
जोधपुर/बीकानेर। राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विनित कुमार माथुर ने नगर निगम बीकानेर में सर्वेयर के पद पर कार्यरत मुकेश कुमार के सेवा पृथक्करण आदेश पर आगामी तारीख पेशी तक रोक लगाई है।
नगर निगम बीकानेर ने अनुबंध के आधार पर कार्य करने के लिए 16 सितंबर 2020 को एक विज्ञप्ति जारी की थी। इस विज्ञप्ति के तहत प्रार्थी की नियुक्ति सर्वेयर के पद पर छह जनवरी 2021 के आदेश से की गई। प्रार्थी उसके बाद से निरन्तर सर्वेयर का कार्य कर रहा था। नगर निगम बीकानेर द्वारा उसकी कार्यावधि प्रत्येक वर्ष बढ़ाई जा रही थी। साथ ही उसके पक्ष में समय समय पर अनुभव प्रमाण पत्र भी जारी किए गए। राज्य सरकार द्वारा गत 24 जनवरी 2024 को सभी संविदा पर लगे सेवानिवृत कर्मचारियों को हटाने का आदेश दिया गया। इस आदेश में यह स्पष्ट उल्लेखित था कि सेवानिवृति पश्चात् पुन: नियुक्त कर्मचारियों को जो राज्य सरकार के अधीन या स्वायतशासी संस्थाओं या निकायों में लगे है उन्हें तुरन्त हटाया जाए। नगर निगम बीकानेर के आयुक्त ने राज्य सरकार के इस आदेश के अनुसरण में 18 जून को प्रार्थी को भी हटा दिया।
नगर निगम बीकानेर के आयुक्त के इस आदेश से व्यथित होकर प्रार्थी ने एक रिट याचिका अपने अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा के माध्यम से उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की। प्रार्थी के अधिवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार का आदेश पुन: नियुक्त कर्मचारियों के लिए था जो पूर्व में सेवानिवृत हो चुके है जबकि प्रार्थी ना तो सेवानिवृत कर्मचारी है ना ही पुन: नियुक्त कर्मचारी है इसलिए राज्य सरकार का यह आदेश उस पर लागू नहीं होता। प्रार्थी की तो यह प्रथम नियुक्ति है जो अनुबंध के आधार पर सर्वेयर के पद पर की गईी है। साथ ही प्रार्थी का आदेश नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्त के भी विपरित है। सेवा पृथक्करण आदेश जारी करने से पूर्व उसे सुनवाई का अवसर भी प्रदान नहीं किया गया है। राजस्थान उच्च न्यायालय की एकल पीठ के न्यायाधीश विनित कुमार माथुर ने सुनवाई के बाद नगर निगम बीकानेर में सर्वेयर के पद पर कार्यरत मुकेश कुमार के सेवा पृथक्करण आदेश पर रोक लगाते हुए स्वायत शासन विभाग के सचिव व नगर निगम बीकानेर के आयुक्त को नोटिस जारी कर जबाब तलब किया।
