मधुहीर राजस्थान
जोधपुर। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज से संबद्ध मथुरादास माथुर अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक विभाग में हृदय के एन्यूरिज्म (विस्फर) एवं ब्लॉकेज की सफल रिपेयर एवं बाईपास सर्जरी की गई।
सीटीवीएस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुभाष बलारा ने बताया कि बाड़मेर निवासी 60 वर्षीय गंगाराम छाती में दर्द, अनियमित धडक़न तथा सांस फूलने की तकलीफ के साथ मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती हुए जहां प्रारंभिक जांचों तथा कार्डियोलॉजी विभागध्यक्ष डॉ. रोहित माथुर द्वारा की गई हार्ट की ईको एवं एंजियोग्राफी में हृदय के एन्यूरिज्म एवं बाएं तरफ की मुख्य धमनियों में ब्लॉकेज होने की पुष्टि हुई। मरीज एवं परिजनों को अवगत एवं उनकी सहमति के उपरांत मरीज की हार्ट सर्जरी करने का निर्णय लिया गया। इस ऑपरेशन में डॉ. सुभाष बलारा, सह आचार्य डॉ. अभिनव सिंह तथा डॉ. देवाराम डॉ. अमित, निश्चेतना विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. राकेश करनावत, सहआचार्य डॉ. भारत शामिल थे। परफ्यूशनिस्ट माधो सिंह व मनोज, ओटी स्टाफ दिलीप, रेखाराम, नीलम, ममता एवं इंचार्ज दिनेश गोस्वामी और आसिफ इकबाल ने अपना योगदान दिया। ऑपरेशन के पश्चात मरीज को सीटीआईसीयू शिफ्ट किया गया जहां डॉ. हनुमान, डॉ. अफसा खान स्टाफ हरि सिंह, नरेश, राजेन्द्र, राहुल और रुपेश ने इलाज प्रक्रिया में अपना सहयोग दिया। कॉलेज प्रवक्ता डॉ. जयराम रावतानी ने बताया कि यह ऑपरेशन मुख्य मंत्री चिकित्सा योजना के अंतर्गत निशुल्क किया गया। कॉलेज की प्रिंसिपल एवं कंट्रोलर डॉ. भारती सारास्वत तथा एमडीएम हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. नवीन किशोरिया ने सीटीवीएस टीम को बधाई दी।
सह आचार्य डॉ. अभिनव सिंह ने बताया कि हार्ट अटैक के उपरांत हृदय में विसफार (एन्यूरिज्म) एक जटिल एवं घातक बीमारी है। इसका इनसीडेनस हार्ट अटैक होने वाले मरीजों में 2 से 3 प्रतिशत होता है। इस बीमारी में हृदय की मांसपेशियों में छेद हो जाता है जो एक झिल्ली (सुडोसैक) द्वारा बंद रहता है तथा किसी भी समय फट सकता है और सही समय पर इलाज न मिलने से मरीज की जान को खतरा हो सकता है। इस बीमारी के मुख्य कारणों में हृदय की मुख्य धमनियों का ब्लॉकेज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय में चोट लगना, इन्फेक्शन और कुछ इडियोपेथिक कारण है। यह बीमारी 45 से 75 वर्ष की आयु में महिलाओं की अपेक्षा पुरुषो में ज्यादा पाई जाती है तथा इस बीमारी का इलाज एन्यूरिज्म का सर्जिकल रिपेयर है।
