(बहादुर सिंह चौहान)
नकली दवाओं की समस्या देश में एक गंभीर चुनौती बन गई है। पिछले कुछ समय में देश के विभिन्न हिस्सों में इतने बड़े पैमाने पर नकली दवाएं बरामद हुई हैं कि यह लगता ही नहीं कि उन्हें बनाने वालों में किसी का डर है। नकली दवाएं न केवल मरीजों के जीवन को संकट में डालती हैं, बल्कि वे सरकारी तंत्र पर आम लोगों के भरोसे को डिगाने का भी काम करती हैं।
नकली दवाओं के निर्माण और बिक्री के पीछे कई कारण हैं। इनमें से एक मुख्य कारण यह है कि नकली दवाओं के निर्माण में कम लागत आती है और इन्हें बेचने से अधिक मुनाफा होता है। इसके अलावा, नकली दवाओं के निर्माण और बिक्री के लिए कोई सख्त कानूनी प्रावधान नहीं हैं, जिससे नकली दवाओं के निमार्ताओं और विक्रेताओं को आसानी से बच निकलने का मौका मिलता है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार को एक प्रभावी अभियान चलाने की आवश्यकता है। यह अभियान न केवल नकली दवाओं के निर्माण और बिक्री को रोकने पर केंद्रित होना चाहिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि दोषियों को कठोर दंड मिले।
सरकार को दवा बनाने वाली कंपनियों की निगरानी करने की आवश्यकता है। निम्नस्तरीय दवाएं एक तरह से नकली दवाए ही हैं, और सरकारी लाइसेंस वाली दवा कंपनियों द्वारा ऐसी दवाएं बनाने का कोई औचित्य नहीं है। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दवा बनाने वाली कंपनियों की ओर से बनाई जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण नियम-कानूनों के अनुरूप हो। इसके अलावा, सरकार को नकली दवाओं के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। लोगों को नकली दवाओं के खतरों के बारे में जागरूक करना और उन्हें असली दवाओं की पहचान करने के तरीके सिखाना आवश्यक है। नकली दवाओं के खिलाफ जंग में सरकार को सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम करना होगा। इसमें दवा बनाने वाली कंपनियां, डॉक्टर, फार्मासिस्ट, और आम लोग शामिल हैं। हमें नकली दवाओं के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा और सरकार को इस समस्या से निपटने के लिए कठोर कदम उठाने होंगे। नकली दवाओं के खिलाफ लड़ने में आम लोगों की भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। आम लोग नकली दवाओं के खतरों के बारे में अपने परिवार, दोस्तों और समुदाय के लोगों को जागरूक कर सकते हैं। यदि आम लोग नकली दवाओं के बारे में जानते हैं, तो वे संबंधित अधिकारियों को शिकायत कर सकते हैं। आम लोग स्वास्थ्य विभाग के साथ सहयोग कर सकते हैं और नकली दवाओं के खिलाफ लड़ने में उनकी मदद कर सकते हैं। (बहादुर सिंह चौहान)
