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कुड़ी एसएचओ व रीडर सस्पेंड, हाईकोर्ट ने वीडियो देखने के बाद लगाई फटकार

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अधिवक्ता से दुव्र्यवहार मामले में मांगी रिपोर्ट, आईपीएस रैंक के अधिकारी जांच करेंगे

मधुहीर राजस्थान
जोधपुर। कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में अधिवक्ता भरतसिंह राठौड़ से धक्का-मुक्की व दुव्र्यवहार के मामले में थानाधिकारी हमीर सिंह और रीडर (कांस्टेबल) नरेंद्र सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। इस संबंध में पुलिस कमिश्नर ओमप्रकाश ने आदेश जारी किए है। थानाधिकारी-रीडर को सस्पेंड करने के ऑर्डर की कॉपी आने के बाद वकीलों ने विजयी रैली निकाली। इससे पहले थाने में वकील से अभद्रता मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर मंगलवार सुबह पुलिस कमिश्नर, पुलिस उपायुक्त पश्चिम और कुड़ी थानाधिकारी को तलब किया था। पुलिस कमिश्नर ओमप्रकाश, डीसीपी वेस्ट विनीत बंसल, एसीपी, थानाधिकारी हमीरसिंह कोर्ट पहुंचे थे।
कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजीव प्रकाश शर्मा व व न्यायाधीश बीएस संधू को थाने में वकील के साथ हुए दुव्र्यवहार का वीडियो चलाकर दिखाया गया था। कोर्ट ने वीडियो देखने के बाद पुलिस कमिश्नर ओमप्रकाश को जमकर फटकार लगाई थी। जोधपुर पुलिस कमिश्नर और सरकार को हिदायत दी कि सभी पुलिसकर्मियों को सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग दी जाए। किससे, किस तरीके से बात करनी चाहिए, कैसे लोगों से पेश आना चाहिए, यह पुलिस को आना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि पुलिस को यह प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है कि वह जनता, फरियादी और अधिवक्ताओं के साथ कैसा व्यवहार करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में वह कोई लिखित आदेश नहीं दे रहे हैं, लेकिन अपेक्षा करते हैं कि सेवा नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। अधिवक्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सचिन आचार्य और दिग्विजय सिंह जसोल ने पैरवी करते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी के खिलाफ सेवा नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि थाने में महिला अधिवक्ता की मौजूदगी के बावजूद पुलिस ने संयमित व्यवहार नहीं रखा।
पुलिस कमिश्नर ने कोर्ट में कहा कि आईपीएस स्तर के अधिकारी से जांच करवाई जा रही है। अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी। इसके साथ ही पुलिस को पूरे घटनाक्रम की जांच रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस कमिश्नर ने कोर्ट को बताया कि वह इस संदर्भ में कड़ी कार्रवाई करेंगे और भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसका प्रयास करेंगे।
बता दे कि अधिवक्ता भरत सिंह क्लाइंट के साथ थाने में बयान देने गए थे। जिस कांस्टेबल ने आधार कार्ड मांगा, उसने वर्दी नहीं पहन रखी थी। इसको लेकर अधिवक्ता ने एतराज किया तो थानाधिकारी हमीर सिंह ने अधिवक्ता से बदतमीजी की और पुलिस कर्मियों से उसे शांतिभंग के आरोप में अंदर डालने को कहा। इस पर पुलिसकर्मियों ने अधिवक्ता को एक कमरे में बैठा दिया। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा। रात को थाने पर धरना हुआ और न्यायिक कार्यों के बहिष्कार की घोषणा कर दी गई। कोर्ट में वकीलों के नहीं आने से हाईकोर्ट ने इस मामले में पुलिस कमिश्नर को तलब कर लिया। सुनवाई के बाद अधिवक्ता संगठन थानाधिकारी को हटाने के बजाय पूरे थाने को सस्पेंड करने पर अड़े हुए थे।
पुलिस के इस रवैये के विरोध में रातभर तमाम वकील कुड़ी थाने के बाहर धरने पर बैठे रहे। राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन और राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन जोधपुर के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे वकीलों ने दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। कुछ वकील पुलिस का प्रतीकात्मक पुतला लेकर आए और उसमें आग लगा दी। वकीलों ने कहा कि एसएचओ का सस्पेंशन ऑर्डर जब तक लिखित में नहीं आता, डटे रहें। वकीलों ने थानाधिकारी के लिखित में सस्पेंशन ऑर्डर जारी नहीं आने तक आंदोलन जारी रखने की घोषणा की। वकीलों ने पूरे कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड थाने पर कार्रवाई करने की मांग की। वकीलों का कहना है कि वकीलों को 151 में बंद करने की धमकी पुलिसवालों ने दी थी। उस थाने की पूरी टीम को 151 में बंद किया जाए।

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