मधुहीर राजस्थान
जैसलमेर(अमित डांगरा ) । पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर की निर्मम हत्या के बाद जहां देश भर में डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं जैसलमेर के डॉक्टर भी इस घटना का विरोध जता रहे हैं। शुक्रवार को जवाहिर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एक घंटे का कार्य बहिष्कार किया था। वहीं शनिवार सभी डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर चले गए। हालांकि आपातकालीन स्थिति में डॉक्टरों ने कार्य पर आने की बात कही।
ऐसे में सीमा सुरक्षा बल के डॉक्टर ने जवाहिर हॉस्पिटल की ओपीडी को देखा। वहीं डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार को देखते हुए पुलिस बल भी तैनात किया गया ताकि डॉक्टरों के साथ मरीजों या परिजनों द्वारा कोई बहस ना हो जाये
डॉक्टरों के सामूहिक अवकाश पर चले जाने की खबर मिलने के बाद जिला प्रशासन भी चिकित्सा व्यवस्था को लेकर चौकस नजर आया। जिला कलेक्टर प्रतापसिंह नाथावत के साथ ही एडीएम मुन्नीराम बागड़िया ने भी जवाहिर हॉस्पिटल पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान सीएमअचओ को दिशा निर्देश भी दिए
इस मौके पर डॉ चन्दनसिंह तंवर ने बताया कि पश्चिम बंगाल की घटना से आहत होकर हमने शुक्रवार को एक घंटे का कार्य बहिष्कार किया था। शनिवार को सभी डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। हालांकि सभी ने आपातकालीन स्थिति में अपनी सेवाएं देंने की बात कही है। शुक्रवार को सभी ने पश्चिम बंगाल की घटना का विरोध करते हुए काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया था। उन्होंने बताया कि इस वीभत्स अपराध में शामिल वास्तविक अपराधियों को चिह्नित कर गिरफ्तार करने की मांग है। इसके साथ ही दिवंगत डॉक्टर को न्याय मिले और सभी डॉक्टरों के कार्य स्थल पर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की मांग है
पश्चिम बंगाल के आरजीकर मेडिकल कॉलेज कोलकाता में महिला रेजिमेंट डॉक्टर के साथ रेप कर उसकी निर्मम हत्या करने की डॉक्टरों ने कड़ी निंदा की है। जिसके तहत जैसलमेर में डॉक्टर ने कार्य का बहिष्कार किया। देश भर में डॉक्टरों द्वारा बहिष्कार के बाद केंद्र सरकार एक्शन मोड में आई। वही स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अगर डॉक्टर पर हमला या हिंसा होती है तो 6 घंटे के अंदर संस्थानों को संबंधित मामले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवानी होगी। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों को मेमो भेज दिया है।
हालांकि अभी स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए कोई कानून लाने की बात तो नहीं कही गई है लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा एक आदेश जारी कर दिया गया है जिसके अंतर्गत स्वास्थ्य कर्मियों के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा होने पर मेडिकल कॉलेज के प्रमुख के द्वारा तत्काल इसकी सूचना पुलिस को देना अनिवार्य होगा और घटना की एफआईआर दर्ज कराना भी आवश्यक होगा।
