वाटर कूलर बंद था तो पानी लेने गई थी, 2 दिन पहले बारिश से हुआ लबालब
मधुहीर राजस्थान
नोखा (बीकानेर)। घर से 500 मीटर दूर तालाब में पानी भरने गई 4 चचेरी बहनें डूब गईं। पानी भरते समय 1 बहन का पैर फिसला और वह पानी में डूब गई। उसे बचाने की कोशिश में 3 बहनें और डूब गईं। 4 बहनों को डूबते देखा तो पांचवीं बहन दौड़कर घर पहुंची और परिजनों को बताया। परिजन दौड़कर तालाब पर पहुंचे, लेकिन तब तक सभी डूब चुकी थी। ग्रामीणों ने करीब 1 घंटे मशक्कत कर बाहर निकाला और अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया। घटना बीकानेर जिले के नोखा थाना इलाके की है।
5 बहनें पानी लेने गई थी, 1 ही लौटी
पीड़ित सुरेंद्र ने बताया- दोपहर करीब 3 बजे मेरी बेटियां सोनम (8), शिवानी (12) और शालू (8) के साथ ही मेरे भाई रमेश की बेटियां चांदनी (10) और मुस्कान (12) घर से 500 मीटर दूर तालाब से पानी भरने के लिए गईं थी। इस दौरान पैर फिसलने से सोनम, शिवानी, चांदनी और मुस्कान डूब गईं। बहनों को डूबता देख शालू दौड़कर घर आई और घटना के बारे में बताया। इस पर मौके पर पहुंचे और चारों को बाहर निकालकर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया।
पुलिस की गाड़ी से अस्पताल लेकर पहुंचे
नोखा थाना के कार्यवाहक थानाधिकारी बुधाराम बिश्नोई ने बताया- शाम करीब 4 बजे सूचना मिली कि तालाब पर पानी भरने गई 4 बहनों सोनम, शिवानी, चांदनी और मुस्कान डूब गईं हैं। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस के पहुंचने से पहले ग्रामीणों ने उनको बाहर निकाल लिया था। पुलिस की गाड़ी से सभी को नोखा अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया। उधर, घटना की सूचना मिलने पर नोखा एसडीएम गोपाल जांगिड़, सीओ नोखा हिमांशु शर्मा, नगरपालिका अध्यक्ष नारायण झंवर, तहसीलदार चंद्रशेखर टाक अस्पताल पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। उन्होंने पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया।
बच्चियों के डूबने की जानकारी मिलने पर परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। सभी को निकालकर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया।
बच्चियों के डूबने की जानकारी मिलने पर परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। सभी को निकालकर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया।
2 दिन पहले हुई बरसात से तालाब में भरा पानी
तालाब के पास ही रहने वाले मनोज वाल्मीकि ने बताया- घर के पीछे बच्चियों के चिल्लाने की आवाज सुनी तो दौड़कर मौके पर पहुंचे। इस दौरान मालूम चला कि 4 बच्चियां तालाब में डूब गई हैं। करीब 1 घंटे की मशक्कत के बाद उनको बाहर निकाला गया। मनोज ने बताया- पहले तालाब सूखा हुआ था। 2 दिन से तेज बरसात के कारण तालाब में 6 फीट पानी भर गया था।
वाटर कूलर बंद था तो तालाब पर पहुंची
पड़ोसी सुनील गोदारा ने बताया- श्मशान के पास एक वाटर कूलर लगा है, जिसमें से बच्चे पानी भरकर ले जाते थे। आज बिजली नहीं होने के कारण वाटर कूलर में पानी नहीं था। ऐसे में सभी बच्चे पानी भरने के लिए तालाब पर पहुंच गए। जानकारी के अनुसार सुरेंद्र और उसका भाई रमेश निवासी वैशाली (बिहार) अपने परिवार के साथ पिछले 10 साल से नोखा के वार्ड 1 में मालू चौक में रहते हैं। दोनों मजदूरी कर अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं।
