एनिमा और पार्ट प्रिपेयर का कार्य ठेका कर्मी व वार्ड बॉय के जिम्मे
मधुहीर राजस्थान
जोधपुर। देश के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान एम्स जोधपुर में किसी मरीज के ऑपरेशन से पहले किए जाने वाले पार्ट प्रिपेयर और एनिमा जैसी चिकित्सकीय प्रक्रियाएं संविदा पर लगे अर्धकुशल वार्ड बॉय व वार्ड लेडी से कराये जाने पर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेन्स कर्मचारी संघ ने एतराज जताते हुए इस कार्य को प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ से कराने की मांग की हैं।
एम्स ट्रेड यूनियन के महामंत्री राज कुमार चौपड़ा ने बताया कि वार्ड बॉय और वार्ड लेडी द्वारा चिकित्सकीय कार्य करना न सिर्फ चिकित्सा नियमों का खुला उल्लंघन हैं बल्कि मरीजों की गरिमा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ सीधा खिलवाड़ हैं। इस संबध में यूनियन को लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि वार्ड बॉय से ऐसे कार्य कराए जा रहे हैं जो उनके कार्यक्षेत्र से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि एनिमा एक चिकित्सकीय ट्रीटमेंट है, जिसे लगाने के लिए प्रशिक्षण, संक्रमण से सुरक्षा और उचित पॉजिशनिंग की जानकारी जरूरी होती है, लेकिन यह काम बिना प्रशिक्षित कर्मचारियों से करवाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में पीजी पोर्टल पर कई बार शिकायतें और लिखित आवेदन भी दिए जा चुके हैं, जिनमें बताया गया कि यह कार्य नर्सिंग स्टाफ की सुपरविजन में करवाया जाता हैं, लेकिन सच्चाई यह हैं कि इस तरह का कोई प्रशिक्षण ही नहीं होता हैं। चौपड़ा ने एम्स प्रशासन से सवाल किया कि अगर नर्सिंग स्टाफ की निगरानी में वार्ड बॉय एनिमा लगा सकते हैं, तो क्या आने वाले समय में एम्स द्वारा डॉक्टर्स की निगरानी में वार्ड-बॉय के हाथों मरीजों के ऑपरेशन भी कराए जाएंगे? एम्स ट्रेड यूनियन ने प्रशासन को चेताया हैं कि यदि जल्द ही इस प्रथा पर रोक नहीं लगाई तो यूनियन आंदोलन और कानूनी लड़ाई दोनों शुरू करेगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी एम्स प्रशासन की होगी।
