शोध में बाड़मेर से ही 9 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्म खोजे
जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर द्वारा प्रदान की गई उपाधि
मधुहीर राजस्थान
बाड़मेर (डॉ. मनोज कुमार गोयल)। गुड़ामालानी उपखंड क्षेत्र के डेडावास जागीर के परमार परिवार से चनणा राम पुत्र श्री पुनमा राम परमार को जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के प्राणिशास्त्र विभाग द्वारा पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।
अवसादी चट्टानों में अंकशेरूकी, कशेरूकी तथा पादप वर्ग के जीवाश्मों की खोज की
इन्होंने ‘पेलियोंटोलॉजिकल इन्वेस्टिगेशन आॅफ सांधा बकरा कुदान एरिया आॅफ बाडमेर बेसिन, राजस्थान, इंडिया’ विषय पर अपना शोध कार्य पूर्ण किया। इन्होंने अपने शोध कार्य के दौरान बाड़मेर बेसिन के फतेहगढ़ फॉरमेशन के सांधा बकरा कुदान एरिया की अवसादी चट्टानों में अंकशेरूकी, कशेरूकी तथा पादप वर्ग के जीवाश्मों की खोज की।
शोध कार्य के दौरान अनेक रिसर्च पेपर प्रकाशित
इनके शोध कार्य के दौरान अनेक रिसर्च पेपर नैशनल व इंटरनेशनल प्रकाशन में प्रकाशित हुए व 108वीं इण्डियन साइंस कॉंग्रेस, नागपुर में अपना शोध पेपर प्रस्तुत किया। इन्होंने अपना शोध कार्य प्राणिशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डॉ. शंकर लाल नामा के निर्देशन में पूर्ण किया । शोध के दौरान इनको आर्थिक सहयोग के रूप में सीएसआईआर यूजीसी द्वारा जूनियर व सीनियर रिसर्च स्कॉलरशिप प्रदान हुई । शोध के दौरान इनको आर्थिक सहयोग के रूप में सीएसआईआर यूजीसी द्वारा जूनियर व सीनियर रिसर्च स्कॉलरशिप प्रदान हुई ।
शिक्षा और वर्तमान कार्य
इन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव की राजकीय स्कूल से व माध्यमिक शिक्षा राजकीय स्कूल नगर एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा राजकीय स्कूल बालोतरा से प्राप्त की फिर जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर से स्नातक, स्नातकोतर व पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वर्तमान में चनणा राम राजस्थान शिक्षा विभाग के राउमावि राणासर कलाँ में जीव विज्ञान से व्याख्याता पद पर कार्यरत हैं। इन्होंने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने रिसर्च सुपरवाइजर डॉ. शंकर लाल नामा व माता-पिता एवं परिवार जनों को दिया ।
