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मधुहीर राजस्थान
जोधपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर ने राष्ट्रीय स्तर पर बीएस-बीएससी कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार व कार्यक्रम की महत्वपूर्ण विशेषताओं पर चर्चा करने के लिए एक मीडिया कार्यक्रम का आयोजन किया। डेटा विज्ञान और एआई में यह बीएस-बीएससी कार्यक्रम बदलती तकनीकी जरूरतों और भविष्य की चुनौतियों पर केंद्रित है और इसी ने इस कार्यक्रम के पाठ्यक्रम को तैयार करने की प्रेरणा दी है।
जोधपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर ने राष्ट्रीय स्तर पर बीएस-बीएससी कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार व कार्यक्रम की महत्वपूर्ण विशेषताओं पर चर्चा करने के लिए एक मीडिया कार्यक्रम का आयोजन किया। डेटा विज्ञान और एआई में यह बीएस-बीएससी कार्यक्रम बदलती तकनीकी जरूरतों और भविष्य की चुनौतियों पर केंद्रित है और इसी ने इस कार्यक्रम के पाठ्यक्रम को तैयार करने की प्रेरणा दी है।
प्रोफेसर सम्पत राज वडेरा (सलाहकार, निदेशक – आईआईटी जोधपुर) और डॉ. अनुज पाल कपूर, डॉ. आनंद मिश्रा एवं डॉ. दीपांजन ने इस कार्यक्रम की जानकारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। प्रो. सम्पत राज वडेरा ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डेटा साइंस अब सिर्फ तकनीकी क्षेत्र तक सीमित नहीं रहे, बल्कि ये हर उद्योग, हर सेवा और हर पेशे का अनिवार्य हिस्सा बन चुके हैं। भारत में अनुमान है कि आने वाले वर्षों में 20 लाख से अधिक एआई आधारित नौकरियाँ उत्पन्न होंगी। ऐसे में देश को उन युवाओं की ज़रूरत है, जो केवल तकनीक के उपभोक्ता न होकर, एआई क्रांति के निर्माता बनें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप यह कार्यक्रम शिक्षा को अधिक लचीला, डिजिटल और सुलभ बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। आईआईटी जोधपुर और फ्यूचरेंस की यह संयुक्त पहल तकनीकी शिक्षा को सुलभ बनाकर देश के युवाओं को भविष्य की जरूरतों के लिए सशक्त बनाएगी।
डॉ. अनुज पाल कपूर ने कहा कि इस डिग्री कार्यक्रम की सबसे खास बात इसका स्तरीय मॉडल है, जिसके अंतर्गत पहले वर्ष के अंत में सर्टिफिकेट, दूसरे वर्ष में डिप्लोमा, तीसरे वर्ष में बीएससी डिग्री और चौथे वर्ष में इच्छानुसार बीएस डिग्री प्राप्त की जा सकती है। इस कोर्स की डिग्री छात्रों को कई नए अवसरों के लिए तैयार करती है। फिर चाहे वो आईआईटी जोधपुर से एम टेक में आगे पढ़ाई हो, अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में ग्लोबल मास्टर्स कार्यक्रम में आवेदन, या फिर वैश्विक कंपनियों में एआई और डेटा साइंस से जुड़े क्षेत्रों में सीधा प्रवेश करना हो।
यह डिग्री मिश्रित शिक्षण पद्धति पर आधारित होगी – जहाँ सप्ताह के दिनों में छात्र स्वअध्ययन करेंगे और सप्ताहांत पर आईआईटी जोधपुर के प्राध्यापकों और उद्योग विशेषज्ञों से लाइव सत्रों में भाग लेंगे। इस कोर्स के तहत छात्रों को 100 से अधिक एआई टूल्स का प्रशिक्षण मिलेगा और उन्हें विश्व की अग्रणी टेक कंपनियों के लीडर्स से सीधे मास्टरक्लासेज में सीखने का मौका भी मिलेगा।
*यह कार्यक्रम किन छात्रों के लिए उपयुक्त है?*
वे छात्र जो यूपीएससी, एसएससी या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और साथ ही एक मजबूत उद्योग-केंद्रित डिग्री चाहते हैं। वे कार्यरत युवा जो एआई और डेटा साइंस जैसे क्षेत्रों में खुद को अपस्किल करना चाहते हैं और आईआईटी से मान्यता प्राप्त डिग्री भी पाना चाहते हैं। यदि कोई विद्यार्थी पहले से किसी स्नातक कार्यक्रम में नामांकित है, तो यह एक एड ऑन डिग्रीके रूप में उसकी योग्यता को और भी मज़बूत बना सकती है। और यदि किसी छात्र ने 12वीं गणित विषय के साथ पूरी की है या करने जा रहा है और एक सशक्त करियर की नींव रखना चाहता है-तो यह एक स्टेंड अलोन डिग्री के रूप में उसके लिए उपयुक्त है।
प्रवेश के लिए, छात्र को 12वीं कक्षा में गणित के साथ कम से कम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे और नेशनल क्वालिफाइंग टेस्ट (एनक्यूटी) उत्तीर्ण करना होगा। इस डिग्री के पश्चात, छात्र चाहें तो आईआईटी जोधपुर में एमटेक में आगे पढ़ सकते हैं, या फिर किसी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में मास्टर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। या फिर वे सीधे इस डिग्री के बाद ही एआई एप्लीकेशन इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, एनएलपी स्पेशलिस्ट जैसे पदों पर शीर्ष वैश्विक कंपनियों में काम भी शुरू कर सकते हैं। और जब यह डिग्री पूरी होती है, तो छात्र आईआईटी परिवार का पूर्ण सदस्य बन जाता है।
आईआईटी जोधपुर का उद्देश्य है कि इस कोर्स के माध्यम से देश के हर कोने से, हर पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों को यह अवसर देना, कि वे न केवल ज्ञान प्राप्त करें, बल्कि भारत को एआई और डेटा साइंस के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व दिला सकें।
