अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष पर मनमाने तरीके से कार्य करने का आरोप, कोर्ट के इस्तगासे पर पुलिस में मामला दर्ज
मधुहीर राजस्थान
जोधपुर। महामंदिर ओसवाल समाज में पदाधिकारियों पर अपने कार्यकाल मेें करोड़ों के गबन किए जाने का एक प्रकरण पुलिस ने दर्ज किया है। कोर्ट से मिले इस्तगासे पर पुलिस ने अब मामले में जांच आरंभ की है। इसमें अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष पर गबन का आरोप लगाया गया है। तीन लोगों द्वारा संयुक्त इस्तगासे के माध्यम से यह केस दर्ज हुआ है। अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 3 के आदेश पर महामंदिर पुलिस ने अब प्रकरण दर्ज किया है।
रिपोर्ट जतनराज लोढ़ा पुत्र स्व. पारसमलोढ़ा, गौतम भंडारी पुत्र भाईराम भंडारी और महेश धारीवाल पुत्र सुखराम की तरफ से दी गई है। इसमें महामंदिर ओसवाल समाज के अध्यक्ष महामंदिर धानमंडी निवासी राजेंद्र गोठी, धानमंडी निवासी सचिव महावीरचंद जागड़ा एवं कोषाध्यक्ष पावटा सी रोड गली नंबर 6 निवासी मिश्रीमल को नामजद किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार श्री ओसवाल समाज महामंदिर जोधपुर एक रजिस्टर्ड संस्था है जिसका पंजीयन सोसायटी एक्ट से 1956-57 के तहत पंजीकृत हो रखा है। एक साल बाद पदाधिकारियों का निर्वाचन होता है। श्री ओसवाल समाज महामंदिर जोधपुर के हित में निर्णय लेने की अधिकारिता की एक हद विधान द्वारा निर्धारित है। वर्ष 2023-2024 में राजेन्द्र गोठी को अध्यक्ष, महावीरचंद जांगडा को सचिव एवं मिश्रीमल को कोषाध्यक्ष के पद पर निर्वाचित किया गया था। आरोप है कि वर्ष 2024-25 के लिए राजेन्द्र गोठी अध्यक्ष, महावीरचंद जांगडा सचिव एवं मिश्रीमल कोषाध्यक्ष ने ऐस बैठकों आयोजित ही नहीं हेने दिया ।
पदाधिकारी तीनों ही विधान अनुसार धारा 8 (6) के तहत रूपए दो लाख से अधिक राशि के व्यय के लिये साधारण सभा से स्वीकृति लिया जाना आवश्यक था, मगर इन लोगों द्वाराा मनमर्जी से करोड़ों रूपयो की राशि को समाज के फण्ड से आहरित कर लिया जबकि ऐसा आहरण करने के लिये साधारण सभा के प्रत्येक सदस्य की अनुमति ली जाती है। पदाधिकारियों द्वारा करोड़ों का गबन किए जाने पर उन्हें लिखित में कई बार आगाह किया गया मगर वे जवाब नहीं देते थे। रिपोर्ट के अनुसार आपसी मिलीभगत के तहत सोची समझी साजिश के तहत इन लोगों ने समाज के करोड़ों रूपयों की राशि को हड़प कर लिया। अध्यक्ष द्वारा सामाजिक स्तर पर सबसे हाथ जोड़ कर कान पकड़ कर माफी भी मांगी मगर उसका भी कोई नतीजा नहीं निकला।
