एचडीएफसी बैंक की अपील खारिज
मधुहीर राजस्थान
जोधपुर। राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग,जोधपुर ने अपने फैसले में यह महत्वपूर्ण व्यवस्था दी है कि बैंक खाताधारक आरटीजीएस से रुपए हस्तांतरित करते वक्त प्राप्तकर्ता के गलत खाता नंबर अंकित कर देता है तो बैंक की यह जवाबदेही है कि वास्तव में यह राशि सही खाताधारक को गई है अथवा नहीं। आयोग के न्यायिक सदस्य निर्मल सिंह मेड़तवाल और सदस्य लियाकत अली ने एचडीएफसी बैंक की अपील खारिज करते हुए कहा कि बैंक परिवादी को अंतरित राशि 6 लाख 68 हजार 700 रुपए मय 24 जनवरी 2017 से 7 फीसदी ब्याज और पांच हजार रूपए वाद व्यय अदा करें।
एचडीएफसी बैंक की ओर से अपील दायर कर कहा गया कि परिवादी ने आरटीजीएस आवेदन प्रपत्र में जो खाता संख्या लिखी थी,उसी पर प्राप्तकर्ता के खाते में 6 लाख 68 हजार 700 रुपए हस्तांतरित कर कोइ गलती नहीं की,लेकिन जिला आयोग ने परिवाद मंजूर कर गलत फैसला किया है सो उसे निरस्त किया जाएं। परिवादी की ओर से बहस करते हुए अधिवक्ता अनिल भंडारी ने कहा कि 13 अंक के बैंक खाता नंबर में परिवादी ने सहवनवश 421505 की जगह 421502 लिख दिए,लेकिन खाता धारक का नाम एस 3 एंटरप्राइज लिखा। बैंक ने सिर्फ खाता नंबर के हिसाब से यह राशि मोहम्मद शफी को हस्तांतरित कर अपने कर्तव्य में कौताही बरती है,क्योंकि उन्हें खाता नंबर के साथ ही खाताधारक का नाम भी जांचना चाहिए था।
राज्य उपभोक्ता आयोग ने बैंक की अपील खारिज करते हुए कहा कि बैंक से यह अपेक्षा थी कि वे लाभार्थी के खाता नंबर और नाम का आपस में मिलान करते। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने भी बैंकों को हिदायत दी हुई है कि आरटीजीएस आवेदन प्रपत्र में लाभार्थी के खाता नंबर के साथ ही खाताधारक का नाम भी जांच कर सत्यापित करें। उन्होंने कहा कि बैंक की ओर से आवेदन प्रपत्र में जो अलग ही शर्ते लिखी है, उसे मानने के लिए परिवादी बाध्य नहीं है और बैंक की सेवा में त्रुटि साबित है और बैंक को अधिक सतर्कता और सावधानी बरतनी चाहिए थी।

