मधुहीर राजस्थान
जोधपुर। केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत सम्पूर्ण स्वास्थ्य केन्द्र जोधपुर में नेशनल इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट कार्यक्रम के अंतर्गत सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) अवेयरनेस वीक मनाया जा रहा है।
कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पवन शारड़ा ने सीपीआर पर जागरूकता व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि सीपीआर देने से पहले मरीज की गर्दन की पल्स (नस) अवश्य जांचनी चाहिए। यदि पल्स नहीं चल रही हो तो तुरंत सीपीआर प्रारंभ करना चाहिए। उन्होंने बताया कि बेहोशी की स्थिति में छाती के स्टर्नम भाग पर प्रति मिनट 100 से 120 बार दबाव देना चाहिए और बीच-बीच में यह जांचना चाहिए कि मरीज की सांस लौट रही है या नहीं। डॉ. शारड़ा ने कहा कि समय पर और सही तरीके से दिया गया सीपीआर किसी व्यक्ति की जान बचा सकता है और उसे सामान्य जीवन जीने का अवसर दे सकता है। इस दौरान सीपीआर का प्रायोगिक प्रदर्शन (डेमो) भी किया गया। कार्यक्रम प्रभारी एवं प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. आनन्दी कुमारी जोशी ने कहा कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रम आमजन में जीवनरक्षक तकनीकों की समझ बढ़ाते हैं, जिससे आपात स्थिति में कई जानें बचाई जा सकती हैं। इस अवसर पर डॉ. नीतु, डॉ. महेन्द्र, नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य चिकित्सा कर्मी उपस्थित रहे।

