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कभी था एक पेड़ आज तीन सौ पेड़-पौधे

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शिक्षक साथियों के साथ मिलकर तरुणराज ने बदली विद्यालय की तस्वीर

विश्व पर्यावरण दिवस विशेष

पहले चलते थे लू के थपेड़ेथी अब स्कूल का तापमान औसत से 4-5 डिग्री कम रहता है
मधुहीर राजस्थान

टोंक (संजय सिंह चौहान)। पहले विद्यालय में चलते लू के थपेड़े आज आती है ठंडी हवा व कोयल व अनेक पक्षियों के चहचाने की आवाज, जहां लोग इस भीषण गर्मी से परेशान है और एक दूसरे को संदेश दे रहे हैं कि पेड़ लगाने चाहिए लेकिन लगाता कोई नहीं है अगर हर भारतीय ये संकल्प लें ले की उसको एक पेड़ जरूर लगाना है तथा उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी है तो भारत में न तो पानी की कमी होगी और न ही तापमान अधिक होगा।

अभियान आपणो स्कूल, आपणो रुख योजना

वर्तमान में विद्यालय का तापमान पेड पौधो के कारण तापमान 4-5 डिग्री कम रहता है इन प्रयासों को लेकर आज ही के दिन विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2018 को शिक्षक तरुणराज सिंह राजावत खरेड़ा ने राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय सांवतगढ़ में कार्यग्रहण किया तब इस विद्यालय में मात्र एक पेड़ था यह देखकर भरी गर्मी में जब ज्वाइन करने आए तो विद्यालय का ताला खोलने में कुछ समय लग गया तो मानो राजावत को लगा शरीर ही लू व धूप से झूलस गया हो उनको एक बार लगा कि यहां तो स्थिति रेगिस्तान से भी बेदतर हो रही है इतनी गर्मी तो पाली से आया वहाँ भी नहीं थी तभी शिक्षक राजावत में अपने साथी मुकेश प्रजापति व अन्य साथियों के साथ मिलकर संकल्प किया कि इस विद्यालय को हरा भरा करना है इसी संकल्प को पूरा करने के लिए उन्होंने जुलाई में अभियान चलाया आपणो स्कूल ,आपणो रुंख योजना के तहत उन्होंने विद्यालय में सैकड़ो पौधे लगाए और इसी के तहत विद्यालय में नव प्रवेश लेने वाले बच्चों को एक पौधा दिया गया और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई तथा स्टाफ में से किसी का जन्मदिन होने पर विद्यालय में पौधा लगाते हैं और उसकी देखरेख की जिम्मेदारी स्वयं लेते हैं।

पर्यावरण को लेकर तरुणराज का संकल्प

ये तरुणराज सिंह का ही संकलप व समर्पण है जिससे आज लगभग विद्यालय में 300 के आसपास पेड़ पौधे हैं और सभी शिक्षक व बच्चे अपने-अपने पेड़ पौधों की बखूबी सुरक्षा करते हैं और उनके पानी का ध्यान रखते है अगर अब कोई विद्यालय में आता है तो वह विद्यालय की सूरत देखकर आश्चर्यचकित रह जाता है। राजावत ने इसका श्रेय अपने सभी स्टाफ साथियों संस्था प्रधान और विद्यालय के बच्चों को दिया है । यह कार्य स्टाफ के सहयोग और ग्रामवासियों के सहयोग के बिना करना असंभव था इसमें संस्थाप्रधान अशोक शर्मा सुरेश कंवर सुमन मीणा गिरजा मीणा मानसिंह मीणा हेमराज मीणा गंगा मिशन बैरवा मुकेश प्रजापति हेमराज मीणा राजावत बताते हैं।

राजावत की एक मटका एक पौधा पद्धति

राजावत की जो एक मटका एक पौधा पद्धति है वह बहुत ज्यादा सफल रही है क्योंकि इसमें एक बार पानी भरने के बाद में 15 दिन तक पेड़ पौधों को पानी पिलाने की आवश्यकता नहीं रहती है यह पौधे अब 5 साल के आने लगा हो गए इनमें वाला नाम बरगद पीपल जामुन चिल्लर अनेक प्रकार के पेड़ लगे हुए आंवला गुडहल चमेली अशोका रातरानी कनेर आदि पेड़ पौधे हैं साथ ही किचन गार्डन, ग्रास गार्डन बाल वाटिका आदि है राजावत ने इस पंक्ति को चरितार्थ किया है जहाँ चाह है वहाँ राह है, किसी मंजिल पर पहुँचने के लिए एक कदम उठाने की जरूरत है।

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